सूरज-सा चमकें / अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’

सुमन बनें हम हर क्यारी के बन उपवन महकें, चलो दोस्त! हम सूरज बनकर धरती पर चमकें! एक धरा है, एक गगन है, सब की खातिर एक पवन है, फिर क्यों बँटा-बँटा-सा मन है? आओ स्नेह-कलश बनकर हम हर उर में छलकें! कहीं खो गया है अपनापन, सब के होठों पर सूनापन, चुप्पी साधे, हर… Continue reading सूरज-सा चमकें / अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’

तितली रानी / अंशु शुक्ला

तितली रानी, तितली रानी! कौन देश से आती हो, फूल-फूल का रस पीतो हो फिर झट से उड़ जाती हो। अपने इन सुंदर पंखों पर क्यों इतना इतराती हो? छोटे-छोटे हम बच्चों को कयों तुम नाच नचाती हो। रंग-बिरंगे फूलों के सँग तुम क्यों हँसती-गाती हो। हम बच्चों से क्या कुट्टी है, हाथ नहीं जो… Continue reading तितली रानी / अंशु शुक्ला

मैंने आहुति बन कर देखा / अज्ञेय

मैं कब कहता हूँ जग मेरी दुर्धर गति के अनुकूल बने, मैं कब कहता हूँ जीवन-मरू नंदन-कानन का फूल बने ? काँटा कठोर है, तीखा है, उसमें उसकी मर्यादा है, मैं कब कहता हूँ वह घटकर प्रांतर का ओछा फूल बने ? मैं कब कहता हूँ मुझे युद्ध में कहीं न तीखी चोट मिले ?… Continue reading मैंने आहुति बन कर देखा / अज्ञेय

Shabad Guru Nanak Dev Ji in Hindi शब्द गुरू नानक देव जी

शब्द गुरू नानक देव जी 1. हुकमी होवनि आकार हुकमु न कहिआ जाई हुकमी होवनि आकार हुकमु न कहिआ जाई ॥ हुकमी होवनि जीअ हुकमि मिलै वडिआई ॥ हुकमी उतमु नीचु हुकमि लिखि दुख सुख पाईअहि ॥ इकना हुकमी बखसीस इकि हुकमी सदा भवाईअहि ॥ हुकमै अंदरि सभु को बाहरि हुकम न कोइ ॥ नानक… Continue reading Shabad Guru Nanak Dev Ji in Hindi शब्द गुरू नानक देव जी

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हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझसे

हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”परिचित”]नुमायाँ[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   मुझसे मेरी रफ़्तार से भागे है बयाबाँ मुझसे [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”खेल-शीर्षक की शिक्षा”]दर्से-उन्वाने-तमाशा[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”उपेक्षित”]बा-तग़ाफ़ुल[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”हर्षित”]ख़ुशतर[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] है[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”बिखरी पलकों को सी देने वाला धागा मुझसे”]निगहे- रिश्ता-ए-शीराज़ा-ए-मिज़गाँ[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”हृदय की तपिश के डर से”]वहशते-आतिशे-दिल[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  से [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”अकेलेपन की रात”]शबे-तन्हाई[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   में [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”धुएँ की तरह”]सूरते-दूद[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  रहा साया [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”बचता”]गुरेज़ाँ[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   मुझसे… Continue reading हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझसे

ख़ुश हो ऐ बख़्त दक है आज तेरे सर सेहरा

ख़ुश हो ऐ [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”बख़्त नाम का राजकुमार”]बख़्त[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  कि है आज तेरे सर सेहरा बाँध शहज़ादा जवाँ बख़्त के सर पर सेहरा क्या ही इस चाँद-से मुखड़े पे भला लगता है है तेरे हुस्ने-दिल [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”आलौकिक सौंदर्य”]अफ़रोज़[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  का[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”अलंकरण”]ज़ेवर[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  सेहरा सर पे चढ़ना तुझे फबता है पर ऐ[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”टोपी का किनारा”]तर्फ़े-कुलाह[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] मुझको डर है कि… Continue reading ख़ुश हो ऐ बख़्त दक है आज तेरे सर सेहरा

कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं

कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं इक तीर मेरे सीने में मारा के हाये हाये वो सब्ज़ा ज़ार हाये मुतर्रा के है ग़ज़ब वो नाज़नीं बुतान-ए-ख़ुदआरा के हाये हाये सब्रआज़्मा वो उन की निगाहें के हफ़ नज़र ताक़तरूबा वो उन का इशारा के हाये हाये वो मेवा हाये ताज़ा-ए-शीरीं के वाह वाह वो बादा… Continue reading कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं

ये न थी हमारी क़िस्मत

ये न थी हमारी क़िस्मत के[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”प्रिय से मिलन”]विसाले यार[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   होता अगर और जीते रहते यही इन्तज़ार होता

ये तेरा घर ये मेरा घर

ये तेरा घर ये मेरा घर, किसी को देखना हो गर तो पहले आके माँग ले, मेरी नज़र तेरी नज़र ये घर बहुत हसीन है न बादलों की छाँव में, न चाँदनी के गाँव में न फूल जैसे रास्ते, बने हैं इसके वास्ते मगर ये घर अजीब है, ज़मीन के क़रीब है ये ईँट पत्थरों… Continue reading ये तेरा घर ये मेरा घर

ये बता दे मुझे ज़िन्दगी

ये बता दे मुझे ज़िन्दगी प्यार की राह के हमसफ़र किस तरह बन गये अजनबी ये बता दे मुझे ज़िन्दगी फूल क्यूँ सारे मुरझा गये किस लिये बुझ गई चाँदनी ये बता दे मुझे ज़िन्दगी कल जो बाहों में थी और निगाहों में थी अब वो गर्मी कहाँ खो गई न वो अंदाज़ है न… Continue reading ये बता दे मुझे ज़िन्दगी