तुमको देखा तो ये ख़याल आया

  तुमको देखा तो ये ख़याल आया ज़िन्दगी धूप तुम घना साया आज फिर दिल ने एक तमन्ना की आज फिर दिल को हमने समझाया तुम चले जाओगे तो सोचेंगे हमने क्या खोया, हमने क्या पाया हम जिसे गुनगुना नहीं सकते वक़्त ने ऐसा गीत क्यूँ गाया

प्यार मुझसे जो किया तुमने

प्यार मुझसे जो किया तुमने तो क्या पाओगी मेरे हालात की आंधी में बिखर जाओगी रंज और दर्द की बस्ती का मैं बाशिन्दा हूँ ये तो बस मैं हूँ के इस हाल में भी ज़िन्दा हूँ ख़्वाब क्यूँ देखूँ वो कल जिसपे मैं शर्मिन्दा हूँ मैं जो शर्मिन्दा हुआ तुम भी तो शरमाओगी क्यूं मेरे… Continue reading प्यार मुझसे जो किया तुमने

सो गया ये जहाँ

सो गया, ये जहाँ, सो गया आसमां सो गयीं हैं सारी मंज़िलें ,सो गया है रस्ता रात आई तो वो जिनके घर थे, वो घर को गये, सो गये रात आई तो हम जैसे आवारा फिर निकले, राहों में और खो गये इस गली, उस गली, इस नगर, उस नगर जाएँ भी तो कहाँ, जाना… Continue reading सो गया ये जहाँ

वक़्त

ये वक़्त क्या है? ये क्या है आख़िर कि जो [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”लगातार”]मुसलसल[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   गुज़र रहा है ये जब न गुज़रा था, तब कहाँ था कहीं तो होगा गुज़र गया है तो अब कहाँ है कहीं तो होगा कहाँ से आया किधर गया है ये कब से कब तक का सिलसिला है ये वक़्त क्या है ये… Continue reading वक़्त

पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैं / राहत इन्दौरी

पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैं ज़मीं जहाँ भी खुले घर निकलने लगते हैं मैं खोलता हूँ सदफ़ मोतियों के चक्कर में मगर यहाँ भी समन्दर निकलने लगते हैं हसीन लगते हैं जाड़ों में सुबह के मंज़र सितारे धूप पहनकर निकलने लगते हैं बुरे दिनों से बचाना मुझे मेरे मौला क़रीबी दोस्त भी बचकर… Continue reading पुराने शहरों के मंज़र निकलने लगते हैं / राहत इन्दौरी

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हाथ उठाए हैं मगर लब पे दुआ कोई नहीं / फ़राज़

हाथ उठाए हैं मगर लब पे दुआ कोई नहीं की इबादत भी तो वो जिस की [ithoughts_tooltip_glossary-glossary slug=”%e0%a4%9c%e0%a4%9c%e0%a4%bc%e0%a4%be”]जज़ा[/ithoughts_tooltip_glossary-glossary]  कोई नहीं ये भी वक़्त आना था अब तू [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”आवाज़ पर कान लगाए हुए”]गोश-बर- आवाज़[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  है और मेरे [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”सितार जैसा एक वाद्य यंत्र”]बरबते-दिल[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  में [ithoughts_tooltip_glossary-glossary slug=”%e0%a4%b8%e0%a4%a6%e0%a4%be”]सदा[/ithoughts_tooltip_glossary-glossary]  कोई नहीं आ के अब तस्लीम कर लें तू… Continue reading हाथ उठाए हैं मगर लब पे दुआ कोई नहीं / फ़राज़

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