प्रार्थना / आकांक्षा पारे

करती हूँ कोशिश निकाल सकूँ मन से तुम्हें न जाने कब यादें बन जाती हैं तुम्हारी ख़ुशी के गीत। घोर निराशा के क्षण में रीते मन के साथ संघर्ष की पगडंडियों पर चुभता है असफलता का कोई काँटा अचानक उसी क्षण जान नहीं पाती कैसे यादें बन जाती हैं तुम्हारी धैर्य के पल। डबडबाई आँखों… Continue reading प्रार्थना / आकांक्षा पारे

तस्वीरें / आकांक्षा पारे

कुछ न कह कर भी बहुत कुछ कह डालती हैं उनमें दिखाई नहीं पड़ती मन की उलझनें, चेहरे की लकीरें फिर भी वे सहेजी जाती हैं एक अविस्मरणीय दस्तावेज़ के रूप में ऐसी ही तुम्हारी एक तस्वीर सहेज रखी है मैंने मैं चाहती हूँ उभर आएँ उस पर तुम्हारे मन की उलझनें, चेहरे की लकीरें… Continue reading तस्वीरें / आकांक्षा पारे