ये बता दे मुझे ज़िन्दगी

ये बता दे मुझे ज़िन्दगी प्यार की राह के हमसफ़र किस तरह बन गये अजनबी ये बता दे मुझे ज़िन्दगी फूल क्यूँ सारे मुरझा गये किस लिये बुझ गई चाँदनी ये बता दे मुझे ज़िन्दगी कल जो बाहों में थी और निगाहों में थी अब वो गर्मी कहाँ खो गई न वो अंदाज़ है न… Continue reading ये बता दे मुझे ज़िन्दगी

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए ऐसा नहीं कि हमको कोई भी खुशी नहीं लेकिन ये ज़िन्दगी तो कोई ज़िन्दगी नहीं क्यों इसके फ़ैसले हमें मंज़ूर हो गए पाया तुम्हें तो हमको लगा तुमको खो दिया हम दिल पे रोए और ये दिल हम पे… Continue reading क्यूँ ज़िन्दगी की राह में

यही हालात इब्तदा से रहे

यही हालात [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”शुरु”]इब्तदा[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   से रहे लोग हमसे ख़फ़ा-ख़फ़ा-से रहे बेवफ़ा तुम कभी न थे लेकिन ये भी सच है कि बेवफ़ा-से रहे इन चिराग़ों में तेल ही कम था क्यों गिला फिर हमें हवा से रहे बहस, शतरंज, शेर, [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”संगीत कला”]मौसीक़ी[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] तुम नहीं रहे तो ये दिलासे रहे उसके बंदों को देखकर कहिये… Continue reading यही हालात इब्तदा से रहे

मिसाल इसकी कहाँ है

[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”उधाहरण”]मिसाल[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] इसकी कहाँ है ज़माने में कि सारे खोने के ग़म पाये हमने पाने में वो शक्ल पिघली तो हर शै में ढल गई जैसे अजीब बात हुई है उसे भुलाने में जो [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”इंतज़ार में”]मुंतज़िर[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  न मिला वो तो हम हैं शर्मिंदा कि हमने देर लगा दी पलट के आने में [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”मज़ेदार”]लतीफ़[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]… Continue reading मिसाल इसकी कहाँ है

मैनें दिल से कहा

मैनें दिल से कहा ऐ दीवाने बता जब से कोई मिला तू है खोया हुआ ये कहानी है क्या है ये क्या सिलसिला ऐ दीवाने बता मैनें दिल से कहा ऐ दीवाने बता धड़कनों में छुपी कैसी आवाज़ है कैसा ये गीत है कैसा ये साज़ है कैसी ये बात है कैसा ये राज़ है… Continue reading मैनें दिल से कहा

कभी यूँ भी तो हो

कभी यूँ भी तो हो दरिया का साहिल हो पूरे चाँद की रात हो और तुम आओ कभी यूँ भी तो हो परियों की महफ़िल हो कोई तुम्हारी बात हो और तुम आओ कभी यूँ भी तो हो ये नर्म मुलायम ठंडी हवायें जब घर से तुम्हारे गुज़रें तुम्हारी ख़ुश्बू चुरायें मेरे घर ले आयें… Continue reading कभी यूँ भी तो हो

जाते जाते वो मुझे

जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया उम्र भर दोहराऊँगा ऐसी कहानी दे गया उससे मैं कुछ पा सकूँ ऐसी कहाँ उम्मीद थी ग़म भी वो शायद बरा-ए-मेहरबानी दे गया सब हवायें ले गया मेरे समंदर की कोई और मुझ को एक कश्ती [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”पाल से जुड़ा / related to sail”]बादबानी[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] दे गया ख़ैर… Continue reading जाते जाते वो मुझे

हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है

हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है हँसती आँखों में भी नमी-सी है दिन भी चुप चाप सर झुकाये था रात की [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”रक्त संचार”]नब्ज़[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] भी थमी-सी है किसको समझायें किसकी बात नहीं [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”ध्यान”]ज़हन[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] और दिल में फिर ठनी-सी है ख़्वाब था या ग़ुबार था कोई गर्द इन पलकों पे जमी-सी है कह गए हम… Continue reading हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है

दर्द अपनाता है पराए कौन

दर्द अपनाता है पराए कौन कौन सुनता है और सुनाए कौन कौन दोहराए वो पुरानी बात ग़म अभी सोया है जगाए कौन वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं कौन दुख झेले आज़माए कौन अब सुकूँ है तो भूलने में है लेकिन उस [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”इंसान”]शख़्स[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  को भुलाए कौन आज फिर दिल है कुछ उदास… Continue reading दर्द अपनाता है पराए कौन

Shauq Ko Aazime Safar Rakhiye/ शौक़ को आज़िम-ए-सफ़र रखिए / निकहत इफ्तिखार

Shauq Ko Aazime Safar Rakhiye Bekhabar Banke Sab Khabar Rakhiye Chahe Nazrein Ho Aasmanon Par Paon Lekin Zameen Par Rahkhiye Baat Hai Kya Yeh Kaun Parkhega Aap Lehje Ko Purasar Rakhiye Jaane Kis Waqt Kooch Karna Ho Apna Saaman Mukhtasar Rakhiye Dil Ko Khud Dil Se Raah Hoti Hai Kis Liye Nam A Bar Rakhiye… Continue reading Shauq Ko Aazime Safar Rakhiye/ शौक़ को आज़िम-ए-सफ़र रखिए / निकहत इफ्तिखार