ज़ो’फ आता है दिल को थाम तो लो बोलियो मत मगर सलाम तो लो कौन कहता है बोलो, मत बोलो हाथ से मेरे एक जाम तो लो इन्हीं बातों पे लौटता हूँ मैं गाली फिर दे के मेरा नाम तो लो इक निगाह पर बिके हैं इंशा आज मुफ़्त में मोल एक गुलाम तो लो
Tag: शेर
झूठा निकला करार तेरा / इंशा अल्लाह खां
झूठा निकला क़रार तेरा अब किसको है ऐतबार तेरा दिल में सौ लाख चुटकियाँ लीं देखा बस हम ने प्यार तेरा दम नाक में आ रहा था अपने था रात ये इंतिज़ार तेरा कर ज़बर जहाँ तलक़ तू चाहे मेरा क्या, इख्तियार तेरा लिपटूँ हूँ गले से आप अपने समझूँ कि है किनार तेरा “इंशा”… Continue reading झूठा निकला करार तेरा / इंशा अल्लाह खां
कमर बांधे हुए चलने पे यां सब यार बैठे हैं / इंशा अल्लाह खां
कमर बांधे हुए चलने को याँ सब यार बैठे हैं । बहोत आगे गए, बाक़ी जो हैं तैयार बैठे हैं ।। न छेड़ ए [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”वसन्तकाल की सुगन्धित वायु”]निक़हत-ए-बाद-ए-बहारी[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] , राह लग अपनी । तुझे अटखेलियाँ सूझी हैं, हम बेज़ार बैठे हैं ।। [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”ध्यान”]तसव्वुर[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”आकाश”]अर्श[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] पर है और सर है पा-ए-साक़ी पर ।… Continue reading कमर बांधे हुए चलने पे यां सब यार बैठे हैं / इंशा अल्लाह खां
देर लगी आने में तुमको / इंदीवर
देर लगी आने में तुमको शुक्र है फिर भी आए तो आस ने दिल का साथ न छोड़ा वैसे हम घबराए तो तुम जो न आते हम तो मर जाते क्या हम अकेले ज़िंदा रहते तुमसे कहें क्या जो बीती दिल पे दर्द-ए-जुदाई सहते सहते आज हमारे प्यासे दिल पे बनके बादल तुम छाए तो… Continue reading देर लगी आने में तुमको / इंदीवर
देख सकते नहीं तुमको / इंदीवर
देख सकते नहीं तुमको जी भर के हम दिल में किसके ग़ुमां क्या गुज़र जाएगा तुमको अपना कहें तो कहें किस तरह सारी महफ़िल का चेहरा उतर जाएगा देख सकते नहीं … तुम भी बेताब हो हम भी बेचैन हैं दिल में मिलने की हसरत मचलने लगी सब्र का अब तो दामन सुलगने लगा प्यार… Continue reading देख सकते नहीं तुमको / इंदीवर
दर्पण को देखा तूने / इंदीवर
दर्पण को देखा तूने जब जब किया श्रृंगार फूलों को देखा तूने जब जब आई बहार एक बदनसीब हूँ मैं मुझे नहीं देखा एक बार सूरज की पहली किरनों को देखा तूने अलसाते हुए रातों में तारों को देखा सपनों में खो जाते हुए यूँ किसी न किसी बहाने तूने देखा सब संसार काजल की… Continue reading दर्पण को देखा तूने / इंदीवर
दुश्मन न करे दोस्त ने / इंदीवर
दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है उम्र भर का ग़म हमें ईनाम दिया है तूफ़ां में हमको छोड़ के साहिल पे आ गये नाख़ुदा का हमने जिन्हें नाम दिया है उम्र भर का ग़म … पहले तो होश छीन लिये ज़ुल्म-ओ-सितम से दीवानगी का फिर हमें इल्ज़ाम दिया है उम्र भर का… Continue reading दुश्मन न करे दोस्त ने / इंदीवर
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को / इंदीवर
हम छोड़ चले हैं महफ़िल को याद आए कभी तो मत रोना इस दिल को तसल्ली दे देना घबराए कभी तो मत रोना हम छोड़ चले हैं महफ़िल को … एक ख़्वाब सा देखा था हमने जब आँख खुली वो टूट गया ये प्यार अगर सपना बनकर तड़पाये कभी तो मत रोना हम छोड़ चले… Continue reading हम छोड़ चले हैं महफ़िल को / इंदीवर
जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे / इंदीवर
जो तुमको हो पसंद, वही बात करेंगे तुम दिन को अगर रात कहो, रात कगेंगे जो तुमको … चाहेंगे, निभाएंगे, सराहेंगे आप ही को आँखों में दम है जब तक, देखेंगे आप ही को अपनी ज़ुबान से आपके जज़्बात कहेंगे तुम दिन को अगर रात कहो, रात कहेंगे जो तुमको हो पसंद … देते न… Continue reading जो तुमको हो पसंद वही बात करेंगे / इंदीवर
है प्रीत जहाँ की रीत सदा / इंदीवर
जब ज़ीरो दिया मेरे भारत ने भारत ने मेरे भारत ने दुनिया को तब गिनती आई तारों की भाषा भारत ने दुनिया को पहले सिखलाई देता ना दशमलव भारत तो यूँ चाँद पे जाना मुश्किल था धरती और चाँद की दूरी का अंदाज़ लगाना मुश्किल था सभ्यता जहाँ पहले आई पहले जनमी है जहाँ पे… Continue reading है प्रीत जहाँ की रीत सदा / इंदीवर