वो मुस्कुरा के मोहब्बत से जब भी मिलते हैं / ‘उनवान’ चिश्ती

वो मुस्कुरा के मोहब्बत से जब भी मिलते हैं मिरी नज़र में हज़ारों गुलाब खिलते हैं तिरी निगाह-ए-जराहत असर सलामत-बाद कभी कभी ये मिरे दिल को ज़ख़्म मिलते हैं नफ़स नफ़स में मचलती है मौज-ए-निकहत-ओ-नूर कुछ इस तरह तिरे अरमाँ के फूल खिलते हैं मैं किस तरह तुझे इल्ज़ाम-ए-बेवफ़ाई दूँ रह-ए-वफ़ा में तिरे नक़्श-ए-पा भी… Continue reading वो मुस्कुरा के मोहब्बत से जब भी मिलते हैं / ‘उनवान’ चिश्ती

वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए / ‘उनवान’ चिश्ती

वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए जीन की आरज़ू में कई बार मर गए वो मुस्कुराए होंटों पे जलवे बिखर गए इक नक़्श-ए-आरज़ू में ई रंग भर गए गहवारा-ए-निशात-ए-मोहब्बत कहें जिन्हें ए ज़िंदगी बता वो ज़माने किधर गए हर जुम्बिश-ए-निगाह है इक मौज़-ए-बेकराँ क्या कहिये लोग डूब गए यार उभर गए कुछ… Continue reading वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए / ‘उनवान’ चिश्ती

रहने दे तकलीफ़-ए-तवज्जोह दिल को है आराम बहुत / ‘उनवान’ चिश्ती

रहने दे तकलीफ़-ए-तवज्जोह दिल को है आराम बहुत हिज्र में तेरी याद बहुत है ग़म में तेरा नाम बहुत बात कहाँ उन आँखों जैसी फूल बहुत हैं जाम बहुत औरों को सरशार बनाएँ ख़ुद हैं तिश्‍ना-काम बहुत कुछ तो बताओ ऐ फ़रज़ानों दीवानों पर क्या गुज़री शहर-ए-तमन्ना की गलियों में बरपा है कोहराम बहुत शुग़्ल-ए-शिकस्त-जाम-ओ-तौबा… Continue reading रहने दे तकलीफ़-ए-तवज्जोह दिल को है आराम बहुत / ‘उनवान’ चिश्ती

नज़र की चोट अब दिल पर अयाँ मालूम होती है / ‘उनवान’ चिश्ती

नज़र की चोट अब दिल पर अयाँ मालूम होती है कहाँ चमकी थी ये बिजली कहाँ मालूम होती है कभी ख़ानदाँ कभी गिर्या-कुनाँ मालूम होती है मोहब्बत इम्तिहाँ दर इम्तिहाँ मालूम होती है बईं गुलशन-परस्ती उस का हक़ है मौसम-ए-गुल पर जिसे बिजली चराग़-ए-आशियाँ मालूम होती है मोहब्बत को तअय्युन की हदों में ढूँढने वालो… Continue reading नज़र की चोट अब दिल पर अयाँ मालूम होती है / ‘उनवान’ चिश्ती

मिरे शानों पे उन की ज़ुल्फ़ लहराई तो क्या होगा / ‘उनवान’ चिश्ती

मिरे शानों पे उन की ज़ुल्फ़ लहराई तो क्या होगा मोहब्बत को ख़ुनुक साए में नींद आई तो क्या होगा परेशाँ हो के दिल तर्क-ए-तअल्लुक पर है आमादा मोहब्बत में ये सूरत भी न रास आई तो क्या होगा सर-ए-महफ़िल वो मुझ से बे-सबब आँखें चुराते हैं कोई ऐसे में तोहमत उन के सर आई… Continue reading मिरे शानों पे उन की ज़ुल्फ़ लहराई तो क्या होगा / ‘उनवान’ चिश्ती

क्या क्या हैं एजाज़ ग़ज़ल के / ‘उनवान’ चिश्ती

क्या क्या हैं एजाज़ ग़ज़ल के आँचल ढलके सागर छलके तंज़ मोहब्बत पर आसाँ है देखो तो इस आग में जल के यूँ हैं ख़ुशी पर ग़म के साए रू-ए-सहर पर जैसे धुँदलके चश्‍म-ए-हक़ीक़त-बीं से देखो काँटे हैं फूलों से हलके वो आए या बिजली चमकी देख रहा हूँ आँखें मल के उफ़ वो तेरी… Continue reading क्या क्या हैं एजाज़ ग़ज़ल के / ‘उनवान’ चिश्ती

कोई नग़मा है न ख़ुश-बू है न रानाई है / ‘उनवान’ चिश्ती

कोई नग़मा है न ख़ुष-बू है न रानाई है जिंदगी है के जनाज़ों की बरात आई है आह ये जब्र के महरूम-ए-बहाराँ भी रहूँ और ईमान भी लाऊँ के बहार आई है गो तेरे सामने बैठा हूँ तेरी महफ़िल में दिल-ए-मायूस को फिर भी ग़म-ए-तन्हाई है सोचता हूँ उसे लब्बैक कहूँ या न कहूँ प-ए-तजदीद-ए-मोहब्बत… Continue reading कोई नग़मा है न ख़ुश-बू है न रानाई है / ‘उनवान’ चिश्ती

कितनी कशिश है हुस्न की इस धूप छाँव में / ‘उनवान’ चिश्ती

कितनी कशिश है हुस्न की इस धूप छाँव में गुम हो चुकी हैं मेरी निगाहें अदाओं में तारीकी-ए-हयात का कुछ ग़म नहीं मुझे इक रौशनी है मेरी दिल की फ़ज़ाओं में हद्द-ए-निगाह तक है चमन सा खिला हुआ ये कौन आ बसा मेरी पलकों की छाँव में ये किस ने कह दिया है वही जान-ए-रंग-ओ-बू… Continue reading कितनी कशिश है हुस्न की इस धूप छाँव में / ‘उनवान’ चिश्ती

किसी के फ़ैज़-ए-कुर्ब से हयात अब सँवर गई / ‘उनवान’ चिश्ती

किसी के फ़ैज़-ए-कुर्ब से हयात अब सँवर गई नफ़स-नफ़स महक उठा नज़र नज़र निखर गई निगाह-ए-नाज़ जब उठी अजीब काम कर गई जो रंग-ए-रूख़ उड़ा दिया तो दिल में रंग भर गई मेरी समझ में आ गया हर एक राज़-ए-ज़िंदगी जो दिल पे चोट पड़ गई तो दूर तक नज़र गई अब आस टूट कर… Continue reading किसी के फ़ैज़-ए-कुर्ब से हयात अब सँवर गई / ‘उनवान’ चिश्ती

कहते हैं अज़ल जिस को उस से भी कहीं पहले / ‘उनवान’ चिश्ती

कहते हैं अज़ल जिस को उस से भी कहीं पहले ईमान मोहब्बत पर लाए थे हमीं पहले असरार-ए-ख़ुद-आगाही दीवाने समझते हैं तकमील-ए-जुनूँ आख़िर मेराज-ए-यक़ीं पहले चमका दिया सज्दों ने नक़्श-ए-कफ़-ए-पा लेकिन रौशन तो न थी इतनी ये मेरी जबीं पहले हर बार ये रह रह कर होता है गुमाँ मुझ को शायद तिरे जल्वों को… Continue reading कहते हैं अज़ल जिस को उस से भी कहीं पहले / ‘उनवान’ चिश्ती