हमारे दिल की मत पूछो बड़ी मुश्किल में रहता है / सतपाल ‘ख़याल’

हमारे दिल की मत पूछो, बड़ी मुश्किल में रहता है हमारी जान का का दुश्मन हमारे दिल में रहता है कोई शाइर बताता है, कोई कहता है दीवाना मेरा चर्चा हमेशा आपकी महफिल में रहता है कभी मंदिर, कभी मस्जिद, कभी सहरा, कभी परबत उसी को खोजते हैं सब जो सबके दिल में रहता है… Continue reading हमारे दिल की मत पूछो बड़ी मुश्किल में रहता है / सतपाल ‘ख़याल’

जब इरादा करके हम निकले हैं मंज़िल की तरफ़/ सतपाल ‘ख़याल’

जब इरादा करके हम निकले हैं मंज़िल की तरफ़ ख़ुद ही तूफ़ाँ ले गया कश्ती को साहिल की तरफ़ बिजलियाँ चमकीं तो हमको रास्ता दिखने लगा हम अँधेरे में बढ़े ऐसे भी मंज़िल की तरफ़् क्या जुनूँ पाला है लहरों ने अजब पूछो इन्हें क्यों चली हैं शौक़ से मिटने ये साहिल की तरफ़ फ़ैसला… Continue reading जब इरादा करके हम निकले हैं मंज़िल की तरफ़/ सतपाल ‘ख़याल’