हमारे दिल की मत पूछो बड़ी मुश्किल में रहता है / सतपाल ‘ख़याल’

हमारे दिल की मत पूछो, बड़ी मुश्किल में रहता है
हमारी जान का का दुश्मन हमारे दिल में रहता है

कोई शाइर बताता है, कोई कहता है दीवाना
मेरा चर्चा हमेशा आपकी महफिल में रहता है

कभी मंदिर, कभी मस्जिद, कभी सहरा, कभी परबत
उसी को खोजते हैं सब जो सबके दिल में रहता है

वो मालिक है सब उसका है ,वो हर ज़र्रे मे है शामिल
वो दाता को भी देता है वो खुद साइल में रहता है

“ख़याल” उससे शिकायत कर जो हल कर दे तेरी मुश्किल
करेगा हल वो क्या मुश्किल जो खुद मुश्किल में रहता है

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