जाने कौन नगर ठहरेंगे / कुमार विश्वास

कुछ छोटे सपनों की ख़ातिर बड़ी नींद का सौदा करने निकल पड़े हैं पाँव अभागे जाने कौन नगर ठहरेंगे वही प्यास के अनगढ़ मोती वही धूप की सुर्ख़ कहानी वही ऑंख में घुट कर मरती ऑंसू की ख़ुद्दार जवानी हर मोहरे की मूक विवशता चौसर के खाने क्या जानें हार-जीत ये तय करती है आज… Continue reading जाने कौन नगर ठहरेंगे / कुमार विश्वास

मैं तो झोंका हूँ / कुमार विश्वास

मैं तो झोंका हूँ हवाओं का उड़ा ले जाऊँगा जागती रहना, तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा हो के क़दमों पर निछावर फूल ने बुत से कहा ख़ाक में मिल कर भी मैं ख़ुश्बू बचा ले जाऊँगा कौन-सी शै तुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा क़ोशिशें मुझको मिटाने… Continue reading मैं तो झोंका हूँ / कुमार विश्वास

फिर बसंत आना है / कुमार विश्वास

तूफ़ानी लहरें हों अम्बर के पहरे हों पुरवा के दामन पर दाग़ बहुत गहरे हों सागर के माँझी मत मन को तू हारना जीवन के क्रम में जो खोया है, पाना है पतझर का मतलब है फिर बसंत आना है राजवंश रूठे तो राजमुकुट टूटे तो सीतापति-राघव से राजमहल छूटे तो आशा मत हार, पार… Continue reading फिर बसंत आना है / कुमार विश्वास

उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती / कुमार विश्वास

उनकी ख़ैरो-ख़बर नहीं मिलती हमको ही ख़ासकर नहीं मिलती शायरी को नज़र नहीं मिलती मुझको तू ही अगर नहीं मिलती रूह में, दिल में, जिस्म में दुनिया ढूंढता हूँ मगर नहीं मिलती लोग कहते हैं रूह बिकती है मैं जहाँ हूँ उधर नहीं मिलती

मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक / कुमार विश्वास

मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक रोज़ जाता रहा, रोज़ आता रहा तुम ग़ज़ल बन गईं, गीत में ढल गईं मंच से मैं तुम्हें गुनगुनाता रहा ज़िन्दगी के सभी रास्ते एक थे सबकी मंज़िल तुम्हारे चयन तक रही अप्रकाशित रहे पीर के उपनिषद् मन की गोपन कथाएँ नयन तक रहीं प्राण के पृष्ठ पर… Continue reading मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक / कुमार विश्वास

सफ़ाई मत देना / कुमार विश्वास

एक शर्त पर मुझे निमन्त्रण है मधुरे स्वीकार सफ़ाई मत देना! अगर करो झूठा ही चाहे, करना दो पल प्यार सफ़ाई मत देना अगर दिलाऊँ याद पुरानी कोई मीठी बात दोष मेरा होगा अगर बताऊँ कैसे झेला प्राणों पर आघात दोष मेरा होगा मैं ख़ुद पर क़ाबू पाऊंगा, तुम करना अधिकार सफ़ाई मत देना है… Continue reading सफ़ाई मत देना / कुमार विश्वास

नेह के सन्दर्भ बौने हो गए / कुमार विश्वास

नेह के सन्दर्भ बौने हो गए होंगे मगर, फिर भी तुम्हारे साथ मेरी भावनायें हैं, शक्ति के संकल्प बोझिल हो गये होंगे मगर, फिर भी तुम्हारे चरण मेरी कामनायें हैं, हर तरफ है भीड़ ध्वनियाँ और चेहरे हैं अनेकों, तुम अकेले भी नहीं हो, मैं अकेला भी नहीं हूँ योजनों चल कर सहस्रों मार्ग आतंकित… Continue reading नेह के सन्दर्भ बौने हो गए / कुमार विश्वास

मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा / कुमार विश्वास

मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा जागती रहना तुझे तुझसे चुरा ले जाऊँगा हो के कदमों पे निछावर फूल ने बुत से कहा ख़ाक में मिल के भी मैं खुश्बू बचा ले जाऊँगा कौन सी शै मुझको पहुँचाएगी तेरे शहर तक ये पता तो तब चलेगा जब पता ले जाऊँगा कोशिशें मुझको… Continue reading मैं तो झोंका हूँ हवा का उड़ा ले जाऊँगा / कुमार विश्वास

प्यार जब जिस्म की चीखों में दफ़न हो जाये / कुमार विश्वास

प्यार जब जिस्म की चीखों में दफ़न हो जाए, ओढ़नी इस तरह उलझे कि कफ़न हो जाए, घर के एहसास जब बाजार की शर्तो में ढले, अजनबी लोग जब हमराह बन के साथ चले, लबों से आसमां तक सबकी दुआ चुक जाए, भीड़ का शोर जब कानो के पास रुक जाए, सितम की मारी हुई… Continue reading प्यार जब जिस्म की चीखों में दफ़न हो जाये / कुमार विश्वास

कुछ छोटे सपनो के बदले / कुमार विश्वास

कुछ छोटे सपनो के बदले, बड़ी नींद का सौदा करने, निकल पडे हैं पांव अभागे,जाने कौन डगर ठहरेंगे ! वही प्यास के अनगढ़ मोती, वही धूप की सुर्ख कहानी, वही आंख में घुटकर मरती, आंसू की खुद्दार जवानी, हर मोहरे की मूक विवशता,चौसर के खाने क्या जाने हार जीत तय करती है वे, आज कौन… Continue reading कुछ छोटे सपनो के बदले / कुमार विश्वास