जिसकी धुन पर दुनिया नाचे / कुमार विश्वास

जिसकी धुन पर दुनिया नाचे, दिल ऐसा इकतारा है, जो हमको भी प्यारा है और, जो तुमको भी प्यारा है. झूम रही है सारी दुनिया, जबकि हमारे गीतों पर, तब कहती हो प्यार हुआ है, क्या अहसान तुम्हारा है. जो धरती से अम्बर जोड़े , उसका नाम मोहब्बत है , जो शीशे से पत्थर तोड़े… Continue reading जिसकी धुन पर दुनिया नाचे / कुमार विश्वास

रंग दुनिया ने दिखाया है निराला / कुमार विश्वास

रंग दुनिया ने दिखाया है निराला, देखूँ, है अँधेरे में उजाला, तो उजाला देखूँ आइना रख दे मेरे हाथ में,आख़िर मैं भी, कैसा लगता है तेरा चाहने वाला देखूँ जिसके आँगन से खुले थे मेरे सारे रस्ते, उस हवेली पे भला कैसे मैं ताला देखूँ हर एक नदिया के होंठों पे समंदर का तराना है,… Continue reading रंग दुनिया ने दिखाया है निराला / कुमार विश्वास

तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा / कुमार विश्वास

ओ कल्पव्रक्ष की सोनजुही! ओ अमलताश की अमलकली! धरती के आतप से जलते… मन पर छाई निर्मल बदली… मैं तुमको मधुसदगन्ध युक्त संसार नहीं दे पाऊँगा| तुम मुझको करना माफ तुम्हें मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा|| तुम कल्पव्रक्ष का फूल और मैं धरती का अदना गायक तुम जीवन के उपभोग योग्य मैं नहीं स्वयं अपने… Continue reading तुम्हे मैं प्यार नहीं दे पाऊँगा / कुमार विश्वास

हो काल गति से परे चिरंतन / कुमार विश्वास

हो काल गति से परे चिरंतन, अभी यहाँ थे अभी यही हो। कभी धरा पर कभी गगन में, कभी कहाँ थे कभी कहीं हो। तुम्हारी राधा को भान है तुम, सकल चराचर में हो समाये। बस एक मेरा है भाग्य मोहन, कि जिसमें होकर भी तुम नहीं हो। न द्वारका में मिलें बिराजे, बिरज की… Continue reading हो काल गति से परे चिरंतन / कुमार विश्वास

अमावस की काली रातों में / कुमार विश्वास

मावस की काली रातों में दिल का दरवाजा खुलता है, जब दर्द की काली रातों में गम आंसू के संग घुलता है, जब पिछवाड़े के कमरे में हम निपट अकेले होते हैं, जब घड़ियाँ टिक-टिक चलती हैं,सब सोते हैं, हम रोते हैं, जब बार-बार दोहराने से सारी यादें चुक जाती हैं, जब ऊँच-नीच समझाने में… Continue reading अमावस की काली रातों में / कुमार विश्वास

तुम अगर नहीं आयीं / कुमार विश्वास

तुम अगर नहीं आयीं, गीत गा ना पाऊँगा| साँस साथ छोडेगी, सुर सजा ना पाऊँगा| तान भावना की है, शब्द-शब्द दर्पण है, बाँसुरी चली आओ, होट का निमन्त्रण है| तुम बिना हथेली की हर लकीर प्यासी है, तीर पार कान्हा से दूर राधिका सी है| दूरियाँ समझती हैं दर्द कैसे सहना है? आँख लाख चाहे… Continue reading तुम अगर नहीं आयीं / कुमार विश्वास

सब तमन्नाएँ हों पूरी / कुमार विश्वास

सब तमन्नाएँ हों पूरी, कोई ख्वाहिश भी रहे चाहता वो है, मुहब्बत में नुमाइश भी रहे आसमाँ चूमे मेरे पँख तेरी रहमत से और किसी पेड की डाली पर रिहाइश भी रहे उसने सौंपा नही मुझे मेरे हिस्से का वजूद उसकी कोशिश है की मुझसे मेरी रंजिश भी रहे मुझको मालूम है मेरा है वो… Continue reading सब तमन्नाएँ हों पूरी / कुमार विश्वास

है नमन उनको / कुमार विश्वास

है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर इस जगत के शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं है नमन उस देहरी को जिस पर तुम खेले कन्हैया घर तुम्हारे परम तप की राजधानी हो गये… Continue reading है नमन उनको / कुमार विश्वास

पिता की याद / कुमार विश्वास

फिर पुराने नीम के नीचे खडा हूँ फिर पिता की याद आई है मुझे नीम सी यादें ह्रदय में चुप समेटे चारपाई डाल आँगन बीच लेटे सोचते हैं हित सदा उनके घरों का दूर है जो एक बेटी चार बेटे फिर कोई रख हाथ काँधे पर कहीं यह पूछता है- “क्यूँ अकेला हूँ भरी इस… Continue reading पिता की याद / कुमार विश्वास

ये वही पुरानी राहें हैं / कुमार विश्वास

चेहरे पर चँचल लट उलझी, आँखों में सपन सुहाने हैं ये वही पुरानी राहें हैं, ये दिन भी वही पुराने हैं कुछ तुम भूली कुछ मैं भूला मंज़िल फिर से आसान हुई हम मिले अचानक जैसे फिर पहली पहली पहचान हुई आँखों ने पुनः पढी आँखें, न शिकवे हैं न ताने हैं चेहरे पर चँचल… Continue reading ये वही पुरानी राहें हैं / कुमार विश्वास