फूल तुम्हें भेजा है ख़त में / इंदीवर

फूल तुम्हें भेजा है ख़त में, फूल नहीं मेरा दिल है प्रीयतम मेरे तुम भी लिखना, क्या ये तुम्हारे क़ाबिल है प्यार छिपा है ख़त में इतना, जितने सागर में मोती चूम ही लेता हाथ तुम्हारा, पास जो मेरे तुम होती फूल तुम्हें भेजा है ख़त में … नींद तुम्हें तो आती होगी, क्या देखा… Continue reading फूल तुम्हें भेजा है ख़त में / इंदीवर

वक़्त करता जो वफ़ा / इंदीवर

वक़्त करता जो वफ़ा आप हमारे होते हम भी ग़ैरों की तरह आप को प्यारे होते वक़्त करता जो वफ़ा … अपनी तक़दीर में पहले ही कूछ तो ग़म हैं और कुछ आप की फ़ितरत में वफ़ा भी कम है वरन जीती हुई बाज़ी तो ना हारे होते वक़्त करता जो वफ़ा … हम भी… Continue reading वक़्त करता जो वफ़ा / इंदीवर

चंदन सा बदन चंचल चितवन / इंदीवर

चंदन सा बदन चंचल चितवन धीरे से तेरा ये मुस्काना मुझे दोष न देना जग वालों – (२) हो जाऊँ अगर मैं दीवाना चंदन सा … ये काम कमान भँवे तेरी पलकों के किनारे कजरारे माथे पर सिंदूरी सूरज होंठों पे दहकते अंगारे साया भी जो तेरा पड़ जाए – (२) आबाद हो दिल का… Continue reading चंदन सा बदन चंचल चितवन / इंदीवर

होंठों से छू लो तुम / इंदीवर

होंठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो बन जाओ मीत मेरे, मेरी प्रीत अमर कर दो न उमर की सीमा हो, न जनम का हो बंधन जब प्यार करे कोई, तो देखे केवल मन नई रीत चलाकर तुम, ये रीत अमर कर दो होंठों से छूलो तुम … जग ने छीना मुझसे,… Continue reading होंठों से छू लो तुम / इंदीवर