सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे / राहत इन्दौरी

सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे जगा दिया तेरी पाज़ेब ने खनक के मुझे कोई बताये के मैं इसका क्या इलाज करूँ परेशां करता है ये दिल धड़क धड़क के मुझे ताल्लुकात में कैसे दरार पड़ती है दिखा दिया किसी कमज़र्फ ने छलक के मुझे हमें खुद अपने सितारे तलाशने होंगे ये… Continue reading सुला चुकी थी ये दुनिया थपक थपक के मुझे / राहत इन्दौरी

सर पर बोझ अँधियारों का है मौला खैर / राहत इन्दौरी

सर पर बोझ अँधियारों का है मौला खैर और सफ़र कोहसारों का है मौला खैर दुशमन से तो टक्कर ली है सौ-सौ बार सामना अबके यारों का है मौला खैर इस दुनिया में तेरे बाद मेरे सर पर साया रिश्तेदारों का है मौला खैर दुनिया से बाहर भी निकलकर देख चुके सब कुछ दुनियादारों का… Continue reading सर पर बोझ अँधियारों का है मौला खैर / राहत इन्दौरी

वफ़ा को आज़माना चाहिए था / राहत इन्दौरी

वफ़ा को आज़माना चाहिए था, हमारा दिल दुखाना चाहिए था आना न आना मेरी मर्ज़ी है, तुमको तो बुलाना चाहिए था हमारी ख्वाहिश एक घर की थी, उसे सारा ज़माना चाहिए था मेरी आँखें कहाँ नाम हुई थीं, समुन्दर को बहाना चाहिए था जहाँ पर पंहुचना मैं चाहता हूँ, वहां पे पंहुच जाना चाहिए था… Continue reading वफ़ा को आज़माना चाहिए था / राहत इन्दौरी

रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं / राहत इन्दौरी

रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं चाँद पागल हैं अंधेरे में निकल पड़ता हैं मैं समंदर हूँ कुल्हाड़ी से नहीं कट सकता कोई फव्वारा नही हूँ जो उबल पड़ता हैं कल वहाँ चाँद उगा करते थे हर आहट पर अपने रास्ते में जो वीरान महल पड़ता हैं ना त-आरूफ़ ना त-अल्लुक हैं मगर… Continue reading रोज़ तारों को नुमाइश में खलल पड़ता हैं / राहत इन्दौरी

ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था / राहत इन्दौरी

ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था मैं बच भी जाता तो इक रोज़ मरने वाला था तेरे सलूक तेरी आगही की उम्र दराज़ मेरे अज़ीज़ मेरा ज़ख़्म भरने वाला था बुलंदियों का नशा टूट कर बिखरने लगा मेरा जहाज़ ज़मीन पर उतरने वाला था मेरा नसीब मेरे हाथ काट गए वर्ना मैं तेरी… Continue reading ये हादसा तो किसी दिन गुज़रने वाला था / राहत इन्दौरी

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ / राहत इन्दौरी

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ सोचता हूँ के तुझे हाथ लगा कर देखूँ कभी चुपके से चला आऊँ तेरी खिलवत में और तुझे तेरी निगाहों से बचा कर देखूँ मैने देखा है ज़माने को शराबें पी कर दम निकल जाये अगर होश में आकर देखूँ दिल का मंदिर बड़ा वीरान नज़र आता… Continue reading मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ / राहत इन्दौरी

मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ / राहत इन्दौरी

बुलाती है मगर जाने का नईं ये दुनिया है इधर जाने का नईं मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर मगर हद से गुजर जाने का नईं सितारें नोच कर ले जाऊँगा मैं खाली हाथ घर जाने का नईं वबा फैली हुई है हर तरफ अभी माहौल मर जाने का नईं वो गर्दन नापता है नाप… Continue reading मोम के पास कभी आग को लाकर देखूँ / राहत इन्दौरी

बुलाती है मगर जाने का नईं / राहत इन्दौरी

बुलाती है मगर जाने का नईं ये दुनिया है इधर जाने का नईं मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर मगर हद से गुजर जाने का नईं सितारें नोच कर ले जाऊँगा मैं खाली हाथ घर जाने का नईं वबा फैली हुई है हर तरफ अभी माहौल मर जाने का नईं वो गर्दन नापता है नाप… Continue reading बुलाती है मगर जाने का नईं / राहत इन्दौरी

जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है / राहत इन्दौरी

जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है वो शख्स, सिर्फ भला ही नहीं, बुरा भी है मैं पूजता हूँ जिसे, उससे बेनियाज़ भी हूँ मेरी नज़र में वो पत्थर भी है खुदा भी है सवाल नींद का होता तो कोई बात ना थी हमारे सामने ख्वाबों का मसअला भी है जवाब दे ना… Continue reading जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है / राहत इन्दौरी

काली काली / गुलज़ार

काली काली आँखों का काला काला जादू है आधा आधा तुझ बिन मैं आधी आधी सी तू है काली काली आँखों का काला काला जादू है आज भी जुनूनी सी जो एक आरज़ू है यूँ ही तरसने दे यह आँखें बरसने दे तेरी आँखें दो आँखें कभी शबनम कभी खुशबू है काली काली आँखों का… Continue reading काली काली / गुलज़ार