क्यूँ ज़िन्दगी की राह में

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए ऐसा नहीं कि हमको कोई भी खुशी नहीं लेकिन ये ज़िन्दगी तो कोई ज़िन्दगी नहीं क्यों इसके फ़ैसले हमें मंज़ूर हो गए पाया तुम्हें तो हमको लगा तुमको खो दिया हम दिल पे रोए और ये दिल हम पे… Continue reading क्यूँ ज़िन्दगी की राह में

तुमको देखा तो ये ख़याल आया

  तुमको देखा तो ये ख़याल आया ज़िन्दगी धूप तुम घना साया आज फिर दिल ने एक तमन्ना की आज फिर दिल को हमने समझाया तुम चले जाओगे तो सोचेंगे हमने क्या खोया, हमने क्या पाया हम जिसे गुनगुना नहीं सकते वक़्त ने ऐसा गीत क्यूँ गाया

प्यार मुझसे जो किया तुमने

प्यार मुझसे जो किया तुमने तो क्या पाओगी मेरे हालात की आंधी में बिखर जाओगी रंज और दर्द की बस्ती का मैं बाशिन्दा हूँ ये तो बस मैं हूँ के इस हाल में भी ज़िन्दा हूँ ख़्वाब क्यूँ देखूँ वो कल जिसपे मैं शर्मिन्दा हूँ मैं जो शर्मिन्दा हुआ तुम भी तो शरमाओगी क्यूं मेरे… Continue reading प्यार मुझसे जो किया तुमने

सो गया ये जहाँ

सो गया, ये जहाँ, सो गया आसमां सो गयीं हैं सारी मंज़िलें ,सो गया है रस्ता रात आई तो वो जिनके घर थे, वो घर को गये, सो गये रात आई तो हम जैसे आवारा फिर निकले, राहों में और खो गये इस गली, उस गली, इस नगर, उस नगर जाएँ भी तो कहाँ, जाना… Continue reading सो गया ये जहाँ

वक़्त

ये वक़्त क्या है? ये क्या है आख़िर कि जो [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”लगातार”]मुसलसल[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   गुज़र रहा है ये जब न गुज़रा था, तब कहाँ था कहीं तो होगा गुज़र गया है तो अब कहाँ है कहीं तो होगा कहाँ से आया किधर गया है ये कब से कब तक का सिलसिला है ये वक़्त क्या है ये… Continue reading वक़्त

इक पल गमों का दरिया

इक पल गमों का दरिया, इक पल खुशी का दरिया रूकता नहीं कभी भी, ये ज़िन्‍दगी का दरिया आँखें थीं वो किसी की, या ख़्वाब की ज़ंजीरे आवाज़ थी किसी की, या रागिनी का दरिया इस दिल की वादियों में, अब खाक उड़ रही है बहता यहीं था पहले, इक आशिकी का दरिया किरनों में… Continue reading इक पल गमों का दरिया

भूख

आँख खुल मेरी गई हो गया मैं फिर ज़िन्दा पेट के अन्धेरो से ज़हन के धुन्धलको तक एक साँप के जैसा रेंगता खयाल आया आज तीसरा दिन है आज तीसरा दिन है एक अजीब खामोशी से भरा हुआ कमरा कैसा खाली-खाली है मेज़ जगह पर रखी है कुर्सी जगह पर रखी है फर्श जगह पर… Continue reading भूख

प्‍यास की कैसे लाए

प्‍यास की कैसे लाए [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”सामना करना का साहस”]ताब[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] कोई नहीं दरिया तो हो [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”मरीचिका”]सराब[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  कोई रात बजती थी दूर शहनाई रोया पीकर बहुत शराब कोई कौन सा ज़ख्‍म किसने बख्‍शा है उसका रखे कहाँ हिसाब कोई फिर मैं सुनने लगा हूँ इस दिल की आने वाला है फिर [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”सज़ा”]अज़ाब[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   कोई

क्‍यों डरें ज़िन्‍दगी में क्‍या होगा

क्‍यों डरें ज़िन्‍दगी में क्‍या होगा कुछ ना होगा तो तज़रूबा होगा हँसती आँखों में झाँक कर देखो कोई आँसू कहीं छुपा होगा इन दिनों ना-उम्‍मीद सा हूँ मैं शायद उसने भी ये सुना होगा देखकर तुमको सोचता हूँ मैं क्‍या किसी ने तुम्‍हें छुआ होगा

आज मैंने अपना फिर सौदा किया

आज मैंने अपना फिर सौदा किया और फिर मैं दूर से देखा किया ज़िन्‍दगी भर मेरे काम आए असूल एक एक करके मैं उन्‍हें बेचा किया कुछ कमी अपनी वफ़ाओं में भी थी तुम से क्‍या कहते कि तुमने क्‍या किया हो गई थी दिल को कुछ उम्‍मीद सी खैर तुमने जो किया अच्‍छा किया