हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है

हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है हँसती आँखों में भी नमी-सी है दिन भी चुप चाप सर झुकाये था रात की [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”रक्त संचार”]नब्ज़[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] भी थमी-सी है किसको समझायें किसकी बात नहीं [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”ध्यान”]ज़हन[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] और दिल में फिर ठनी-सी है ख़्वाब था या ग़ुबार था कोई गर्द इन पलकों पे जमी-सी है कह गए हम… Continue reading हर ख़ुशी में कोई कमी-सी है

दर्द अपनाता है पराए कौन

दर्द अपनाता है पराए कौन कौन सुनता है और सुनाए कौन कौन दोहराए वो पुरानी बात ग़म अभी सोया है जगाए कौन वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं कौन दुख झेले आज़माए कौन अब सुकूँ है तो भूलने में है लेकिन उस [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”इंसान”]शख़्स[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  को भुलाए कौन आज फिर दिल है कुछ उदास… Continue reading दर्द अपनाता है पराए कौन