अच्छा एक बात बताओ नदियों के सीने पर तने पुल क्या तुम्हें आदमी के ज़मीन से जुड़ने की इच्छा को नहीं बताते ये पुल जिनमें लाखों हाथ और आँखें चमकती हैं कुँआरी आँखों से रचे ये पुल क्या आदमी के आदिम गीत गाते हुए नहीं लगते भोले और भले पुल पृथ्वी को आदमी के लिए… Continue reading पुल / अक्षय उपाध्याय
Category: Akshay Upadhyay
वृक्ष / अक्षय उपाध्याय
लंबे फैले रास्तों के दोनों ओर खड़े इन वृक्षों को देखो तो लगेगा- ये कितने साहस से भरे हैं वर्षा और शीत में इनकी पत्तियाँ किस तरह झूमती हैं धूप में खड़े ये वृक्ष जंगल के पूरे हरेपन को नसों में लिए ज़मीन पर उगी घास को स्नेह देते हैं और उनको हक़ों के लिए… Continue reading वृक्ष / अक्षय उपाध्याय