राष्ट्रिय ध्वज / हरिवंशराय बच्चन

नागाधिराज श्रृंग पर खडी हु‌ई,
समुद्र की तरंग पर अडी हु‌ई,
स्वदेश में जगह-जगह गडी हु‌ई,
अटल ध्वजा हरी,सफेद केसरी!

न साम-दाम के समक्ष यह रुकी,
न द्वन्द-भेद के समक्ष यह झुकी,
सगर्व आस शत्रु-शीश पर ठुकी,
निडर ध्वजा हरी, सफेद केसरी!

चलो उसे सलाम आज सब करें,
चलो उसे प्रणाम आज सब करें,
अजर सदा इसे लिये हुये जियें,
अमर सदा इसे लिये हुये मरें,
अजय ध्वजा हरी, सफेद केसरी!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *