चुनौती / सत्येन्द्र श्रीवास्तव

कालचक्र से उठा हुआ
वह अन्तिम झोंका
तुमने सचमुच बड़ी भूल की
उसको रोका
… … …
मैं प्रस्तुत था
आने देते।

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