उसने फिर नम्बर बदल दिया / श्रीप्रकाश शुक्ल

उसने फिर नम्बर बदल दिया और दोस्तों को एस० एम० एस० कर दिया कि अब पुराने नम्बर को समाप्त हुआ समझा जाय अब यही चलेगा मेरा नम्बर यह हरकतें अब वह अक्सर ही किया करता है अक्सर ही लोंगों को संदेश देकर बंद कर देता है पुराना नम्बर जैसे सुबह की हवा उसके घर में… Continue reading उसने फिर नम्बर बदल दिया / श्रीप्रकाश शुक्ल

एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती / श्रीप्रकाश शुक्ल

एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती वह जब भी घर से निकलती है अपने साथ घर की पूरी खतौनी लेकर निकलती है अचानक उसे याद आता है गैस का जलना दरवाज़े का खुला रहना नल का टपकना और दूध का दहकना एक-एक कर वह पूछती है प्रेस तो बंद कर दिया था… Continue reading एक स्त्री घर से निकलते हुए भी नहीं निकलती / श्रीप्रकाश शुक्ल