अत्याचारियों के स्मारकों पर धर्मलेख / संजय चतुर्वेदी

उन्होंने कोई अच्छॆ काम नहीं किए थे ज़िन्दगी में यह उन्हें पता था और उन्हें भी जिन्होंने किया उनका अन्तिम संस्कार उन्हें पता था शायद इन्सान उन्हें कभी माफ़ न कर सकें पर उन्हें उम्मीद थी इबारतें उन्हें माफ़ कर देंगी और वे ऎसा पहले भी करती रही हैं।

सभी लोग और बाक़ी लोग / संजय चतुर्वेदी

सभी लोग बराबर हैं सभी लोग स्वतंत्र हैं सभी लोग हैं न्याय के हक़दार सभी लोग इस धरती के हिस्सेदार हैं बाक़ी लोग अपने घर जाएँ सभी लोगों को आज़ादी है दिन में, रात में आगे बढने की ऐश में रहने की तैश में आने की सभी लोग रहते हैं सभी जगह सभी लोग, सभी… Continue reading सभी लोग और बाक़ी लोग / संजय चतुर्वेदी