राधा प्यारी दे डारोजी बनसी हमारी। ये बनसीमें मेरा प्रान बसत है वो बनसी गई चोरी॥१॥ ना सोनेकी बन्सी न रुपेकी। हरहर बांसकी पेरी॥२॥ घडी एक मुखमें घडी एक करमें। घडी एक अधर धरी॥३॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। चरनकमलपर वारी। राधा प्यारी दे०॥४॥
Category: Mirabai
माई मैनें गोविंद लीन्हो मोल / मीराबाई
माई मैनें गोविंद लीन्हो मोल॥ध्रु०॥ कोई कहे हलका कोई कहे भारी। लियो है तराजू तोल॥ मा०॥१॥ कोई कहे ससता कोई कहे महेंगा। कोई कहे अनमोल॥ मा०॥२॥ ब्रिंदाबनके जो कुंजगलीनमों। लियों बंजंता ढोल॥ मा०॥३॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। पुरब जनमके बोल॥ मा०॥४॥
शाम मुरली बजाई कुंजनमों / मीराबाई
शाम मुरली बजाई कुंजनमों॥ध्रु०॥ रामकली गुजरी गांधारी। लाल बिलावल भयरोमों॥१॥ मुरली सुनत मोरी सुदबुद खोई। भूल पडी घरदारोमों॥२॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। वारी जाऊं तोरो चरननमों॥३॥
किन्ने देखा कन्हया प्यारा की मुरलीवाला / मीराबाई
किन्ने देखा कन्हया प्यारा की मुरलीवाला॥ध्रु०॥ जमुनाके नीर गंवा चरावे। खांदे कंबरिया काला॥१॥ मोर मुकुट पितांबर शोभे। कुंडल झळकत हीरा॥२॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। चरन कमल बलहारा॥३॥
कृष्ण करो जजमान / मीराबाई
कृष्ण करो जजमान॥ प्रभु तुम॥ध्रु०॥ जाकी किरत बेद बखानत। सांखी देत पुरान॥ प्रभु०२॥ मोर मुकुट पीतांबर सोभत। कुंडल झळकत कान॥ प्रभु०३॥ मीराके प्रभू गिरिधर नागर। दे दरशनको दान॥ प्रभु०४॥
हातकी बिडिया लेव मोरे बालक / मीराबाई
हातकी बिडिया लेव मोरे बालक। मोरे बालम साजनवा॥ध्रु०॥ कत्था चूना लवंग सुपारी बिडी बनाऊं गहिरी। केशरका तो रंग खुला है मारो भर पिचकारी॥१॥ पक्के पानके बिडे बनाऊं लेव मोरे बालमजी। हांस हांसकर बाता बोलो पडदा खोलोजी॥२॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर बोलत है प्यारी। अंतर बालक यारो दासी हो तेरी॥३॥
तुम बिन मेरी कौन खबर ले / मीराबाई
तुम बिन मेरी कौन खबर ले। गोवर्धन गिरिधारीरे॥ध्रु०॥ मोर मुगुट पीतांबर सोभे। कुंडलकी छबी न्यारीरे॥ तुम०॥१॥ भरी सभामों द्रौपदी ठारी। राखो लाज हमारी रे॥ तुम०॥२॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। चरनकमल बलहारीरे॥ तुम०॥३॥
झुलत राधा संग / मीराबाई
झुलत राधा संग। गिरिधर झूलत राधा संग॥ध्रु०॥ अबिर गुलालकी धूम मचाई। भर पिचकारी रंग॥ गिरि०॥१॥ लाल भई बिंद्रावन जमुना। केशर चूवत रंग॥ गिरि०॥२॥ नाचत ताल आधार सुरभर। धिमी धिमी बाजे मृदंग॥ गिरि०॥३॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। चरनकमलकू दंग॥ गिरि०॥४॥
हरि गुन गावत नाचूंगी / मीराबाई
हरि गुन गावत नाचूंगी॥ध्रु०॥ आपने मंदिरमों बैठ बैठकर। गीता भागवत बाचूंगी॥१॥ ग्यान ध्यानकी गठरी बांधकर। हरीहर संग मैं लागूंगी॥२॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। सदा प्रेमरस चाखुंगी॥३॥
कान्हा बनसरी बजाय गिरधारी / मीराबाई
कान्हा बनसरी बजाय गिरधारी। तोरि बनसरी लागी मोकों प्यारीं॥ध्रु०॥ दहीं दुध बेचने जाती जमुना। कानानें घागरी फोरी॥ काना०॥१॥ सिरपर घट घटपर झारी। उसकूं उतार मुरारी॥ काना०॥२॥ सास बुरीरे ननंद हटेली। देवर देवे मोको गारी॥ काना०॥३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनकमल बलहारी॥ काना०॥४॥