दोहे / हुल्लड़ मुरादाबादी

कर्ज़ा देता मित्र को, वह मूर्ख कहलाए, महामूर्ख वह यार है, जो पैसे लौटाए। बिना जुर्म के पिटेगा, समझाया था तोय, पंगा लेकर पुलिस से, साबित बचा न कोय। गुरु पुलिस दोऊ खड़े, काके लागूं पाय, तभी पुलिस ने गुरु के, पांव दिए तुड़वाय। पूर्ण सफलता के लिए, दो चीज़ें रखो याद, मंत्री की चमचागिरी,… Continue reading दोहे / हुल्लड़ मुरादाबादी

क्या करेगी चांदनी / हुल्लड़ मुरादाबादी

चांद औरों पर मरेगा क्या करेगी चांदनी प्यार में पंगा करेगा क्या करेगी चांदनी चांद से हैं खूबसूरत भूख में दो रोटियाँ कोई बच्चा जब मरेगा क्या करेगी चांदनी डिग्रियाँ हैं बैग में पर जेब में पैसे नहीं नौजवाँ फ़ाँके करेगा क्या करेगी चांदनी जो बचा था खून वो तो सब सियासत पी गई खुदकुशी… Continue reading क्या करेगी चांदनी / हुल्लड़ मुरादाबादी