बच्चों पर दो कविताएँ एक प्यार तो करते हैं हम सभी बच्चों को छोटे होते हैं जब बच्चे करते हैं हम उन सभी को प्यार दिखते हैं सबके सब सुंदर। कल जब ये बड़े होंगे मारे जाएंगे किसी न किसी वाद की आड़ में मारे जाएंगे अपनी वजह से अपनी नस्ल, अपनी जाति बतलाने के… Continue reading बच्चे / हेमन्त जोशी
Category: Hemant Joshi
उनकी पराजय / हेमन्त जोशी
वे खुश हैं कि समाजवाद पराजित हो रहा है मैं खुश हूँ कि आदमी में अभी लड़ने का हौसला बाक़ी है वे कहते हैं कहाँ है तुम्हारी कविता में छंद कहाँ है तुक कहाँ है लय लय-तुक-छंद मैं नहीं जानता कहाँ करता हूँ मैं कविता मैं तो जीता हूँ स्वच्छंद बोलता जाता हूँ निर्बंध। मेरे… Continue reading उनकी पराजय / हेमन्त जोशी