(सोई गोली के लिए) अंगूठा मुंह में दुबका है तू गाढ़ी नींद में खोई है नींद तुझे ले गई है एक सूनसान टापू पर जहां तेरे सिवा नहीं है कोई और उस वीरान एकाकीपन में यही अंगूठा तेरे मुंह में घुुल-घुल कर मीठा-मीठा दूध बनाता है तुझे पिलाता है सच कहूँ तेरे मुँह में दुबका… Continue reading नन्हा स्वावलम्बन / हेमन्त देवलेकर
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बाल कबीले का लोकगीत / हेमन्त देवलेकर
(बच्चे जो अभी भाषा नहीं जानते, ध्वनि से हुलसते हैं, उनके लिये) टुईयाँ गुईयाँ ढेम्पूलाकी चुईयाँ बेंगी पुंगी चिक्कुल भाकी नक थुन धाकी भुईयाँ अब दु़न भेला ठुन ठुन केला बीन भनक्कम पुईयाँ हगनू पटला झपड़ तो बटला शुकमत टमटम ठुईयाँ गझगन चिम्बू छुकछु़न लिम्बू झलबुल टोला ढुईयाँ टुईयाँ गुईयाँ किंचुल गोला मुईयाँ।