कब तक मौन रहोगे विवादी समय में यह पूछना बहुत ज़रूरी है पूछो तो अब यह पूछो कि पानी में अब कितना पानी है आग में कितनी आग आकाश अब भी कितना आकाश है पूछो तो यह पूछो कि कितना बह गया है भागीरथी में पानी कितना बचा है हिमालय में पूछो कि नदियों का… Continue reading पूछो तो / हरे प्रकाश उपाध्याय
Category: Hare Prakash Upadhyay
वर्तमान परिदृश्य में / हरे प्रकाश उपाध्याय
वर्तमान परिदृश्य में यह जो वर्तमान है ताजमहल की ऐतिहासिकता को चुनौती देता हुआ इसके परिदृश्य में कुछ सड़कें हैं काली -कलूटी एक -दूसरे को रौंदकर पार जाती बालू से भरी नदी बह रही है पानी है , मगर मटमैला कुछ साँप हैं फन काढे़ हुए कुछ नेवले मरे पड़े हैं जाने कितना खून बिखरा… Continue reading वर्तमान परिदृश्य में / हरे प्रकाश उपाध्याय