भारत की जय / चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’

हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, क्रिस्ती, मुसलमान पारसीक, यहूदी और ब्राह्मन भारत के सब पुत्र, परस्पर रहो मित्र रखो चित्ते गणना सामान मिलो सब भारत संतान एक तन एक प्राण गाओ भारत का यशोगान

झुकी कमान / चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’

(1) आए प्रचंड रिपु, शब्द सुन उन्हीं का, भेजी सभी जगह एक झुकी कमान ज्यों युद्ध चिह्न समझे सब लोग धाए, त्यों साथ थी कह रही यह व्योम वाणी – ‘सुना नहीं क्या रणशंखनाद ? चलो पके खेत किसान छोड़ो पक्षी इन्हें खाएँ, तुम्हें पड़ा क्या? भाले भिदाओ, अब खड्ग खोलो हवा इन्हें साफ किया… Continue reading झुकी कमान / चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’