तुखारी बारह माहा गुरू नानक देव जी बारह माहा तू सुणि किरत करमा पुरबि कमाइआ ॥ सिरि सिरि सुख सहमा देहि सु तू भला ॥ हरि रचना तेरी किआ गति मेरी हरि बिनु घड़ी न जीवा ॥ प्रिअ बाझु दुहेली कोइ न बेली गुरमुखि अम्रितु पीवां ॥ रचना राचि रहे निरंकारी प्रभ मनि करम सुकरमा… Continue reading Barah Maha Tukhari Raag Guru Nanak Dev Ji / तुखारी बारह माहा गुरू नानक देव जी
Author: poets
Salok Guru Nanak Dev Ji ਸਲੋਕ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ
ਸਲੋਕ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ 1. ਆਖਣਿ ਅਉਖਾ ਸੁਨਣਿ ਅਉਖਾ ਆਖਿ ਨ ਜਾਪੀ ਆਖਿ ਆਖਣਿ ਅਉਖਾ ਸੁਨਣਿ ਅਉਖਾ ਆਖਿ ਨ ਜਾਪੀ ਆਖਿ ॥ ਇਕਿ ਆਖਿ ਆਖਹਿ ਸਬਦੁ ਭਾਖਹਿ ਅਰਧ ਉਰਧ ਦਿਨੁ ਰਾਤਿ ॥ ਜੇ ਕਿਹੁ ਹੋਇ ਤ ਕਿਹੁ ਦਿਸੈ ਜਾਪੈ ਰੂਪੁ ਨ ਜਾਤਿ ॥ ਸਭਿ ਕਾਰਣ ਕਰਤਾ ਕਰੇ ਘਟ ਅਉਘਟ ਘਟ ਥਾਪਿ ॥ ਆਖਣਿ ਅਉਖਾ… Continue reading Salok Guru Nanak Dev Ji ਸਲੋਕ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ
Salok Guru Nanak Dev Ji सलोक गुरू नानक देव जी
सलोक गुरू नानक देव जी 1. कुदरति करि कै वसिआ सोइ कुदरति करि कै वसिआ सोइ ॥ वखतु वीचारे सु बंदा होइ ॥ कुदरति है कीमति नही पाइ ॥ जा कीमति पाइ त कही न जाइ ॥ सरै सरीअति करहि बीचारु ॥ बिनु बूझे कैसे पावहि पारु ॥ सिदकु करि सिजदा मनु करि मखसूदु ॥… Continue reading Salok Guru Nanak Dev Ji सलोक गुरू नानक देव जी
Shabad Guru Nanak Dev Ji in Hindi शब्द गुरू नानक देव जी
शब्द गुरू नानक देव जी 1. हुकमी होवनि आकार हुकमु न कहिआ जाई हुकमी होवनि आकार हुकमु न कहिआ जाई ॥ हुकमी होवनि जीअ हुकमि मिलै वडिआई ॥ हुकमी उतमु नीचु हुकमि लिखि दुख सुख पाईअहि ॥ इकना हुकमी बखसीस इकि हुकमी सदा भवाईअहि ॥ हुकमै अंदरि सभु को बाहरि हुकम न कोइ ॥ नानक… Continue reading Shabad Guru Nanak Dev Ji in Hindi शब्द गुरू नानक देव जी
Shabad Guru Nanak Dev Ji ਸ਼ਬਦ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ
ਸ਼ਬਦ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ 1. ਹੁਕਮੀ ਹੋਵਨਿ ਆਕਾਰ ਹੁਕਮੁ ਨ ਕਹਿਆ ਜਾਈ ਹੁਕਮੀ ਹੋਵਨਿ ਆਕਾਰ ਹੁਕਮੁ ਨ ਕਹਿਆ ਜਾਈ ॥ ਹੁਕਮੀ ਹੋਵਨਿ ਜੀਅ ਹੁਕਮਿ ਮਿਲੈ ਵਡਿਆਈ ॥ ਹੁਕਮੀ ਉਤਮੁ ਨੀਚੁ ਹੁਕਮਿ ਲਿਖ ਦੁਖ ਸੁਖ ਪਾਈਅਹਿ ॥ ਇਕਨਾ ਹੁਕਮੀ ਬਖਸੀਸ ਇਕਿ ਹੁਕਮੀ ਸਦਾ ਭਵਾਈਅਹਿ ॥ ਹੁਕਮੈ ਅੰਦਰਿ ਸਭੁ ਕੋ ਬਾਹਰਿ ਹੁਕਮਿ ਨ ਕੋਇ ॥ ਨਾਨਕ… Continue reading Shabad Guru Nanak Dev Ji ਸ਼ਬਦ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ
Japu Guru Nanak Dev Ji ਜਪੁ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ
ਜਪੁ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਜਪੁ ੴ ਸਤਿ ਨਾਮੁ ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ ਨਿਰਭਉ ਨਿਰਵੈਰੁ ਅਕਾਲ ਮੂਰਤਿ ਅਜੂਨੀ ਸੈਭੰ ਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ (ੴ ਦਾ ਉੱਚਾਰਨ ਹੈ ” ਇਕ (ਏਕ) ਓਅੰਕਾਰ” ਅਤੇ ਇਸਦਾ ਅਰਥ ਹੈ “ਇਕ ਅਕਾਲ ਪੁਰਖ, ਜੋ ਇਕ-ਰਸ ਵਿਆਪਕ ਹੈ”, ਸਤਿਨਾਮੁ=ਉਹ ਇਕ ਓਅੰਕਾਰ, ਜਿਸ ਦਾ ਨਾਮ ਹੈ ਹੋਂਦ ਵਾਲਾ, ਕਰਤਾ ਪੁਰਖੁ=ਜੋ ਸਾਰੇ ਜਗਤ ਵਿਚ ਵਿਆਪਕ ਹੈ,… Continue reading Japu Guru Nanak Dev Ji ਜਪੁ ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ
Japuji Sahib Guru Nanak Dev Ji / जपु गुरू नानक देव जी
जपु गुरू नानक देव जी ੴ सति नामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुर प्रसादि ॥ जपु आदि सचु जुगादि सचु ॥ है भी सचु नानक होसी भी सचु ॥१॥ सोचै सोचि न होवई जे सोची लख वार ॥ चुपै चुप न होवई जे लाइ रहा लिव तार ॥ भुखिआ भुख न… Continue reading Japuji Sahib Guru Nanak Dev Ji / जपु गुरू नानक देव जी
कभी जमूद कभी सिर्फ़ इंतिशार सा है / कैफ़ी आज़मी
कभी जमूद कभी सिर्फ़ इंतिशार सा है जहाँ को अपनी तबाही का इंतिज़ार सा है मनु की मछली, न कश्ती-ए-नूह और ये फ़ज़ा कि क़तरे-क़तरे में तूफ़ान बेक़रार सा है मैं किसको अपने गरेबाँ का चाक दिखलाऊँ कि आज दामन-ए-यज़दाँ भी तार-तार-सा है सजा-सँवार के जिसको हज़ार नाज़ किए उसी पे ख़ालिक़-ए-कोनैन शर्मसार सा है… Continue reading कभी जमूद कभी सिर्फ़ इंतिशार सा है / कैफ़ी आज़मी
ऐ सबा! लौट के किस शहर से तू आती है? / कैफ़ी आज़मी
ऐ सबा! लौट के किस शहर से तू आती है? तेरी हर लहर से बारूद की बू आती है! खून कहाँ बहता है इन्सान का पानी की तरह जिस से तू रोज़ यहाँ करके वजू आती है? धाज्जियाँ तूने नकाबों की गिनी तो होंगी यूँ ही लौट आती है या कर के रफ़ू आती है?… Continue reading ऐ सबा! लौट के किस शहर से तू आती है? / कैफ़ी आज़मी
इतना तो ज़िन्दगी में किसी की ख़लल पड़े / कैफ़ी आज़मी
इतना तो ज़िन्दगी में किसी की ख़लल पड़े हँसने से हो सुकून ना रोने से कल पड़े जिस तरह हँस रहा हूँ मैं पी-पी के अश्क-ए-ग़म यूँ दूसरा हँसे तो कलेजा निकल पड़े एक तुम के तुम को फ़िक्र-ए-नशेब-ओ-फ़राज़ है एक हम के चल पड़े तो बहरहाल चल पड़े मुद्दत के बाद उस ने जो… Continue reading इतना तो ज़िन्दगी में किसी की ख़लल पड़े / कैफ़ी आज़मी