मिल कर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम / क़तील

मिलकर जुदा हुए तो न सोया करेंगे हम
एक दूसरे की याद में रोया करेंगे हम

आँसू छलक छलक के सतायेंगे रात भर
मोती पलक पलक में पिरोया करेंगे हम

जब दूरियों की आग दिलों को जलायेगी
जिस्मों को चाँदनी में भिगोया करेंगे हम

गर दे गया दग़ा हमें तूफ़ान भी “क़तील”
साहिल पे कश्तियों को डूबोया करेंगे हम

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