बंदौं राधा-पद-कमल अमल सकल सुख-धाम।
जिन के परसन हित रहत लालाइत नित स्याम॥
जयति स्याम-स्वामिनि परम निरमल रस की खान।
जिन पद बलि-बलि जात नित माधव प्रेम-निधान॥
बंदौं राधा-पद-कमल अमल सकल सुख-धाम।
जिन के परसन हित रहत लालाइत नित स्याम॥
जयति स्याम-स्वामिनि परम निरमल रस की खान।
जिन पद बलि-बलि जात नित माधव प्रेम-निधान॥