प्रभुजी मैं अरज करुं छूं म्हारो बेड़ो लगाज्यो पार / मीराबाई

प्रभुजी मैं अरज करुं छूं म्हारो बेड़ो लगाज्यो पार॥

इण भव में मैं दुख बहु पायो संसा-सोग निवार।
अष्ट करम की तलब लगी है दूर करो दुख-भार॥

यों संसार सब बह्यो जात है लख चौरासी री धार।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर आवागमन निवार॥

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *