उनको आईना बनाया / बशीर बद्र

उसको आईना बनाया, धूप का चेहरा मुझे
रास्ता फूलों का सबको, आग का दरिया मुझे

चाँद चेहरा, जुल्फ दरिया, बात खुशबू, दिल चमन
इन तुम्हें देकर ख़ुदा ने दे दिया क्या-क्या मुझे

जिस तरह वापस कोई ले जाए अपनी छुट्टियाँ
जाने वाला इस तरह से कर गया तन्हा मुझे

तुमने देखा है किसी मीरा को मंदिर में कभी
एक दिन उसने ख़ुदा से इस तरह माँगा मुझे

मेरी मुट्ठी में सुलगती रेत रखकर चल दिया
कितनी आवाज़ें दिया करता था ये दरिया मुझे

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