अरे मेरा अमर उपावणहार रे / दादू दयाल

अरे मेरा अमर उपावणहार रे।
खालिक आशिक तेरा॥टेक॥

तुमसूँ राता तुमसूँ माता।
तुमसूँ लागा रंग रे खालिक॥१॥

तुमसूँ खेला तुमसूँ मेला।
तुमसूँ प्रेम-सनेह रे खालिक॥२॥

तुमसूँ लैणा तुमसूँ दैणा।
तुमहीसूँ रत होइ रे खालिक॥३॥

खालिक मेरा आशिक तेरा।
दादू अनत न जाइ रे खालिक॥४॥

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