दर्द-ए-दिल कुछ कहा नहीं जाता आह चुप भी रहा नहीं जाता रू-ब-रू मेरे गैर से तू मिले ये सितम तो सहा नहीं जाता शिद्दत-ए-गिर्या से मैं ख़ून में कब सर से पा तक नहा नहीं जाता हर दम आने से मैं भी हूँ नादिम क्या करूँ पर रहा नहीं जाता माना-ए-गिर्या किस की ख़ू है… Continue reading दर्द-ए-दिल कुछ कहा नहीं जाता / ‘क़ाएम’ चाँदपुरी
Category: Qayem Chandpuri
दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं / ‘क़ाएम’ चाँदपुरी
दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं याँ बला-नोश हैं जो आए चढ़ा जाते हैं देख कर तुम को कहीं दूर गए हम लेकिन टुक ठहर जाओ तो फिर आप में आ जाते हैं जब तलक पाँव में चलने की है ताकत बाकी हाल-ए-दिल आ के कभू तुझ को दिखा जाते हैं कौन… Continue reading दर्द पी लेते हैं और दाग़ पचा जाते हैं / ‘क़ाएम’ चाँदपुरी