पूस का महीना था और पूरबा सायँ-सायँ करती हुई बेमौसम की बरसात झहरा रही थी जो जीव-जंतुओं की हड्डियों में छेद कर जाती थी और उसे उस बीच चैराहे पर उस रोड़े और पत्थर बिछी हुई रोड पर बूटों की नोंक पर फुटबॉल की तरह उछाल दिया जाता था तत्पश्चात् उसकी फ्रैक्चर हो चुकी हुई… Continue reading चोर और चोर / पंकज चौधरी
Category: Pankaj Choudhary
वाह रे भारत महान / पंकज चौधरी
खाने-खेलने की उम्र में कूडे़ के ढेर पर पोलीथिन बीनते बच्चे अपने देश के नहीं जैसे जापान के बच्चे हैं और उनकी धँसी हुई आँखें पांजर में सटा हुआ पेट और जिस्म पर दिखती हड्डियों की रेखाएँ? अपने देश की नहीं बल्कि सोमालिया की हैं और उनकी अर्जित की हुई संपत्ति? अपने देश भारत की… Continue reading वाह रे भारत महान / पंकज चौधरी