सामळोजी मारी बात। बाई तमे सामळोजी मारी बात॥ध्रु०॥ राधा सखी सुंदर घरमां। कुबजानें घर जात॥१॥ नवलाख धेनु घरमां दुभाय। घर घर गोरस खात॥२॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमलपर हात॥३॥
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कागळ कोण लेई जायरे मथुरामां / मीराबाई
कागळ कोण लेई जायरे मथुरामां वसे रेवासी मेरा प्राण पियाजी॥ध्रु०॥ ए कागळमां झांझु शूं लखिये। थोडे थोडे हेत जणायरे॥१॥ मित्र तमारा मळवाने इच्छे। जशोमती अन्न न खाय रे॥२॥ सेजलडी तो मुने सुनी रे लागे। रडतां तो रजनी न जायरे॥३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरनकमल तारूं त्यां जायरे॥४॥
सुंदर मारो सांवरो। मारा घेर आउंछे वनमाली / मीराबाई
सुंदर मारो सांवरो। मारा घेर आउंछे वनमाली॥ध्रु०॥ नाना सुगंधी तेल मंगाऊं। ऊन ऊन पाणी तपाऊं छे॥ मारा मनमों येही वसे छे। आपने हात न्हवलाऊं छे॥१॥ खीर खांड पक्वान मिठाई। उपर घीना लडवा छे॥ मारो मनमों येही वसे छे। आपने होतसे जमाऊं छे॥२॥ सोना रुपानो पालनो बंधाऊं। रेशमना बंद बांधूं छे॥ मारा मनमों येडी वसे छे।… Continue reading सुंदर मारो सांवरो। मारा घेर आउंछे वनमाली / मीराबाई
म्हारे घर चालोजी जशोमती लालनारे / मीराबाई
म्हारे घर चालोजी जशोमती लालनारे॥धृ०॥ राधा कहती सुनोजी प्यारे। नाहक सतावत जननी मुरारे। अंगन खेलत ले बिजहारे | लुटू लुटू खेलनारे॥१॥ पेन्हो पीत बसन और आंगीया। मोनो मोतरवाला कन्हैया। रोवे कायकू लोक बुझाया। हासती ग्वालनारे॥२॥ चंदन चौक उपर न्हालाऊं। मीश्री माखन दूध पिलावूं। मंदिर आपने हात हलाऊं। जडाऊं पालनारे॥३॥ मीराके प्रभु दीनदयाला। वहां तुम सावध… Continue reading म्हारे घर चालोजी जशोमती लालनारे / मीराबाई
बासुरी सुनूंगी। मै तो बासुरी सुनूंगी / मीराबाई
बासुरी सुनूंगी। मै तो बासुरी सुनूंगी। बनसीवालेकूं जान न देऊंगी॥ध्रु०॥ बनसीवाला एक कहेगा। एकेक लाख सुनाऊंगी॥१॥ ब्रिंदाबनके कुजगलनमों। भर भर फूल छिनाऊंगी॥२॥ ईत गोकुल उत मथुरा नगरी। बीचमें जाय अडाऊंगी॥३॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। चरनकमल लपटाऊंगी॥४॥
हातीं घोडा महाल खजीना / मीराबाई
हातीं घोडा महाल खजीना दे दवलतपर लातरे। करीयो प्रभुजीकी बात सबदीन करीयो प्रभूजीकी बात॥ध्रु०॥ मा बाप और बेहेन भाईं कोई नही आयो सातरे॥१॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर भजन करो दिन रातरे॥२॥
छोडो चुनरया छोडो मनमोहन / मीराबाई
छोडो चुनरया छोडो मनमोहन मनमों बिच्यारो॥धृ०॥ नंदाजीके लाल। संग चले गोपाल धेनु चरत चपल। बीन बाजे रसाल। बंद छोडो॥१॥ काना मागत है दान। गोपी भये रानोरान। सुनो उनका ग्यान। घबरगया उनका प्रान। चिर छोडो॥२॥ मीरा कहे मुरारी। लाज रखो मेरी। पग लागो तोरी। अब तुम बिहारी। चिर छोडो॥३॥
शरणागतकी लाज / मीराबाई
शरणागतकी लाज। तुमकू शणागतकी लाज॥ध्रु०॥ नाना पातक चीर मेलाय। पांचालीके काज॥१॥ प्रतिज्ञा छांडी भीष्मके। आगे चक्रधर जदुराज॥२॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। दीनबंधु महाराज॥३॥
फरका फरका जो बाई हरीकी मुरलीया / मीराबाई
फरका फरका जो बाई हरीकी मुरलीया। सुनोरे सखी मारा मन हरलीया॥ध्रु०॥ गोकुल बाजी ब्रिंदाबन बाजी। और बाजी जाहा मथुरा नगरीया॥१॥ तुम तो बेटो नंदबावांके। हम बृषभान पुराके गुजरीया॥२॥ यहां मधुबनके कटा डारूं बांस। उपजे न बांस मुरलीया॥३॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमलकी लेऊंगी बलय्या॥४॥
हमरे चीर दे बनवारी / मीराबाई
हमरे चीर दे बनवारी॥ध्रु०॥ लेकर चीर कदंब पर बैठे। हम जलमां नंगी उघारी॥१॥ तुमारो चीर तो तब नही। देउंगा हो जा जलजे न्यारी॥२॥ ऐसी प्रभुजी क्यौं करनी। तुम पुरुख हम नारी॥३॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। तुम जीते हम हारी॥४॥