प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय / मीराबाई

राग आसाबरी प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय॥ जल बिन कमल, चंद बिन रजनी। ऐसे तुम देख्यां बिन सजनी॥ आकुल व्याकुल फिरूं रैन दिन, बिरह कलेजो खाय॥ दिवस न भूख, नींद नहिं रैना, मुख सूं कथत न आवै बैना॥ कहा कहूं कछु कहत न आवै, मिलकर तपत बुझाय॥ क्यूं तरसावो अंतरजामी, आय… Continue reading प्यारे दरसन दीज्यो आय, तुम बिन रह्यो न जाय / मीराबाई

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सुण लीजो बिनती मोरी, मैं शरण गही प्रभु तेरी / मीराबाई

सुण लीजो बिनती मोरी, मैं शरण गही प्रभु तेरी। तुम (तो) पतित अनेक उधारे, भवसागर से तारे॥ मैं सबका तो नाम न जानूं, कोई कोई नाम उचारे। अम्बरीष सुदामा नामा, तुम पहुंचाये निज धामा॥ ध्रुव जो पांच वर्ष के बालक, तुम दरस दिये घनस्यामा। धना भक्त का खेत जमाया, कबिरा का बैल चराया॥ सबरी का… Continue reading सुण लीजो बिनती मोरी, मैं शरण गही प्रभु तेरी / मीराबाई

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हरि बिन कूण गती मेरी / मीराबाई

राग धुनपीलू हरि बिन कूण गती मेरी। तुम मेरे प्रतिपाल कहिये मैं रावरी चेरी॥ आदि अंत निज नाँव तेरो हीयामें फेरी। बेर बेर पुकार कहूं प्रभु आरति है तेरी॥ यौ संसार बिकार सागर बीच में घेरी। नाव फाटी प्रभु पाल बाँधो बूड़त है बेरी॥ बिरहणि पिवकी बाट जोवै राखल्यो नेरी। दासि मीरा राम रटत है… Continue reading हरि बिन कूण गती मेरी / मीराबाई

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मेरो मन राम-हि-राम रटै / मीराबाई

मेरो मन राम-हि-राम रटै। राम-नाम जप लीजै प्राणी! कोटिक पाप कटै। जनम-जनम के खत जु पुराने, नामहि‍ लेत फटै। कनक-कटोरै इमरत भरियो, नामहि लेत नटै। मीरा के प्रभु हरि अविनासी तन-मन ताहि पटै।

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राम-नाम-रस पीजै / मीराबाई

राम-नाम-रस पीजै। मनवा! राम-नाम-रस पीजै। तजि कुसंग सतसंग बैठि नित, हरि-चर्चा सुणि लीजै। काम क्रोध मद मोह लोभ कूं, चित से बाहय दीजै। मीरा के प्रभु गिरधर नागर, ता के रंग में भीजै।

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माई री! / मीराबाई

माई री! मैं तो लियो गोविंदो मोल। कोई कहै छानै, कोई कहै छुपकै, लियो री बजंता ढोल। कोई कहै मुहंघो, कोई कहै सुहंगो, लियो री तराजू तोल। कोई कहै कारो, कोई कहै गोरो, लियो री अमोलिक मोल। या ही कूं सब जाणत है, लियो री आँखी खोल। मीरा कूं प्रभु दरसण दीज्‍यो, पूरब जनम को… Continue reading माई री! / मीराबाई

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मीरा को प्रभु साँची दासी बनाओ / मीराबाई

राग सहाना मीरा को प्रभु साँची दासी बनाओ। झूठे धंधों से मेरा फंदा छुड़ाओ॥ लूटे ही लेत विवेक का डेरा। बुधि बल यदपि करूं बहुतेरा॥ हाय!हाय! नहिं कछु बस मेरा। मरत हूं बिबस प्रभु धाओ सवेरा॥ धर्म उपदेश नितप्रति सुनती हूं। मन कुचाल से भी डरती हूं॥ सदा साधु-सेवा करती हूं। सुमिरण ध्यान में चित… Continue reading मीरा को प्रभु साँची दासी बनाओ / मीराबाई

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मीरा की विनती छै जी / मीराबाई

दरस म्हारे बेगि दीज्यो जी ! ओ जी! अन्तरजामी ओ राम ! खबर म्हारी बेगि लीज्यो जी आप बिन मोहे कल ना पडत है जी ! ओजी! तडपत हूँ दिन रैन रैन में नीर ढले है जी गुण तो प्रभुजी मों में एक नहीं छै जी ! ओ जी अवगुण भरे हैं अनेक, अवगुण म्हारां… Continue reading मीरा की विनती छै जी / मीराबाई

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म्हारो प्रणाम / मीराबाई

म्हारो प्रणाम बांकेबिहारीको। मोर मुकुट माथे तिलक बिराजे। कुण्डल अलका कारीको म्हारो प्रणाम अधर मधुर कर बंसी बजावै। रीझ रीझौ राधाप्यारीको म्हारो प्रणाम यह छबि देख मगन भई मीरा। मोहन गिरवरधारीको म्हारो प्रणाम

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लाज राखो महाराज / मीराबाई

अब तो निभायां सरेगी बाँह गहे की लाज। समरथ शरण तुम्हारी सैयां सरब सुधारण काज।। भवसागर संसार अपरबल जामे तुम हो जहाज। गिरधारां आधार जगत गुरु तुम बिन होय अकाज।। जुग जुग भीर हरी भगतन की दीनी मोक्ष समाज। “मीरा” शरण गही चरणन की लाज रखो महाराज।।

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