ज्यानो मैं राजको बेहेवार उधवजी। मैं जान्योही राजको बेहेवार। आंब काटावो लिंब लागावो। बाबलकी करो बाड॥जा०॥१॥ चोर बसावो सावकार दंडावो। नीती धरमरस बार॥ जा०॥२॥ मेरो कह्यो सत नही जाणयो। कुबजाके किरतार॥ जा०॥३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। अद्वंद दरबार॥ जा०॥४॥
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कान्हो काहेकूं मारो मोकूं कांकरी / मीराबाई
कान्हो काहेकूं मारो मोकूं कांकरी। कांकरी कांकरी कांकरीरे॥ध्रु०॥ गायो भेसो तेरे अवि होई है। आगे रही घर बाकरीरे॥ कानो॥१॥ पाट पितांबर काना अबही पेहरत है। आगे न रही कारी घाबरीरे॥ का०॥२॥ मेडी मेहेलात तेरे अबी होई है। आगे न रही वर छापरीरे॥ का०॥३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। शरणे राखो तो करूं चाकरीरे॥ कान०॥४॥
जल भरन कैशी जाऊंरे / मीराबाई
जल भरन कैशी जाऊंरे। जशोदा जल भरन॥ध्रु०॥ वाटेने घाटे पाणी मागे मारग मैं कैशी पाऊं॥ज० १॥ आलीकोर गंगा पलीकोर जमुना। बिचमें सरस्वतीमें नहावूं॥ज० २॥ ब्रिंदावनमें रास रच्चा है। नृत्य करत मन भावूं॥ज० ३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। हेते हरिगुण गाऊं॥ज० ४॥
सांवरो रंग मिनोरे / मीराबाई
सांवरो रंग मिनोरे। सांवरो रंग मिनोरे॥ध्रु०॥ चांदनीमें उभा बिहारी महाराज॥१॥ काथो चुनो लविंग सोपारी। पानपें कछु दिनों॥सां० २॥ हमारो सुख अति दुःख लागे। कुबजाकूं सुख कीनो॥सां० ३॥ मेरे अंगन रुख कदमको। त्यांतल उभो अति चिनो॥सां० ४॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। नैननमें कछु लीनो॥सां० ५॥
सखी मेरा कानुंडो कलिजेकी कोर है / मीराबाई
सखी मेरा कानुंडो कलिजेकी कोर है॥ध्रु०॥ मोर मुगुट पितांबर शोभे। कुंडलकी झकझोल॥स० १॥ सासु बुरी मेरी नणंद हटेली। छोटो देवर चोर॥स० २॥ ब्रिंदावनकी कुंजगलिनमें। नाचत नंद किशोर॥स० ३॥ मीरा कहे प्रभू गिरिधर। नागर चरणकमल चितचोर॥स० ४॥
कालोकी रेन बिहारी / मीराबाई
कालोकी रेन बिहारी। महाराज कोण बिलमायो॥ध्रु०॥ काल गया ज्यां जाहो बिहारी। अही तोही कौन बुलायो॥१॥ कोनकी दासी काजल सार्यो। कोन तने रंग रमायो॥२॥ कंसकी दासी काजल सार्यो। उन मोहि रंग रमायो॥३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। कपटी कपट चलायो॥४॥
जसवदा मैय्यां नित सतावे कनैय्यां / मीराबाई
जसवदा मैय्यां नित सतावे कनैय्यां। वाकु भुरकर क्या कहुं मैय्यां॥ध्रु०॥ बैल लावे भीतर बांधे। छोर देवता सब गैय्यां॥ जसवदा मैया०॥१॥ सोते बालक आन जगावे। ऐसा धीट कनैय्यां॥२॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। हरि लागुं तोरे पैय्यां॥ जसवदा०॥३॥
देखोरे देखो जसवदा मैय्या तेरा लालना / मीराबाई
देखोरे देखो जसवदा मैय्या तेरा लालना। तेरा लालना मैय्यां झुले पालना ॥ध्रु०॥ बाहार देखे तो बारारे बरसकु। भितर देखे मैय्यां झुले पालना॥१॥ जमुना जल राधा भरनेकू निकली। परकर जोबन मैय्यां तेरा लालना॥२॥ मीराके प्रभु गिरिधर नागर। हरिका भजन नीत करना॥ मैय्यां०॥३॥
घर आवो जी सजन मिठ बोला / मीराबाई
घर आवो जी सजन मिठ बोला। तेरे खातर सब कुछ छोड्या, काजर, तेल तमोला॥ जो नहिं आवै रैन बिहावै, छिन माशा छिन तोला। ‘मीरा’ के प्रभु गिरिधर नागर, कर धर रही कपोला॥
अब तौ हरी नाम लौ लागी / मीराबाई
राग मिश्र काफी- ताल तिताला अब तौ हरी नाम लौ लागी। सब जगको यह माखनचोरा, नाम धर्यो बैरागीं॥ कित छोड़ी वह मोहन मुरली, कित छोड़ी सब गोपी। मूड़ मुड़ाइ डोरि कटि बांधी, माथे मोहन टोपी॥ मात जसोमति माखन-कारन, बांधे जाके पांव। स्यामकिसोर भयो नव गौरा, चैतन्य जाको नांव॥ पीतांबर को भाव दिखावै, कटि कोपीन कसै।… Continue reading अब तौ हरी नाम लौ लागी / मीराबाई