हैडा मामूनें हरीवर पालारे। जाऊछूं जमनी तेमनीरे। मुजे मारी कट्यारी। प्रेमनी प्रेमनीरे॥ध्रु०॥ जल भरवासु गरवा गमाया। माथा घागरडी हमनारे॥१॥ बाजुबंद गोंडा बरखा बिराजे। हाथे बिटी छे हेमनीरे॥२॥ सांकडी शेरीमां वालोजी मी ज्याथी। खबर पुछुछुं खेमनीरे॥३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। भक्ति करुछुं नित नेमनीरे॥४॥
Category: Mirabai
साधुकी संगत पाईवो / मीराबाई
साधुकी संगत पाईवो। ज्याकी पुरन कमाई वो॥ध्रु०॥ पिया नामदेव और कबीरा। चौथी मिराबाई वो॥१॥ केवल कुवा नामक दासा। सेना जातका नाई वो॥२॥ धनाभगत रोहिदास चह्यारा। सजना जात कसाईवो॥३॥ त्रिलोचन घर रहत ब्रीतिया। कर्मा खिचडी खाईवो॥४॥ भिल्लणीके बोर सुदामाके चावल। रुची रुची भोग लगाईरे॥५॥ रंका बंका सूरदास भाईं। बिदुरकी भाजी खाईरे॥६॥ ध्रुव प्रल्हाद और बिभीषण। उनकी… Continue reading साधुकी संगत पाईवो / मीराबाई
लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम / मीराबाई
लेता लेता श्रीरामजीनुं नाम। लोकडिवा तो लाजे मरे छे॥ध्रु०॥ हरी मंदिर जाता पाव लिया दुखे। फरा आवे सारूं गाम॥१॥ झगडो थाय त्यां दोडीनें जाया। मुक्तीनें बरना काम॥२॥ भांड भवैया गुणका नृत्य करता। बेशी रहे चारे ठाम॥३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर गुण गाऊं। चरणकमल चित्त काम॥४॥
बारी होके जाने बंदना / मीराबाई
बारी होके जाने बंदना। पठीयो कछु नारी है॥ध्रु०॥ बुटीसे बुडी भई साची तो भारी हो बिचारी रही। तुम घर जावो बदना मेरो प्यारा भारी हो॥१॥ नारी होके द्वारकामें बाजे बासुरी। बासु मुस वारी हो। वोही खूब लाला वणीर जोए। मारी सारी हो॥२॥ पान जैसी पिरी भई पर गोपवर रही। मेरा गिरिधर पिया प्रभुजी मीरा वारी… Continue reading बारी होके जाने बंदना / मीराबाई
रंगेलो राणो कई करसो मारो राज्य / मीराबाई
रंगेलो राणो कई करसो मारो राज्य। हूं तो छांडी छांडी कुलनी लाज॥ध्रु०॥ पग बांधीनें घुंगरा हातमों छीनी सतार। आपने ठाकूरजीके मंदिर नाचुं वो हरी जागे दिनानाथ ॥ रंगेलो०॥१॥ बिखको प्यालो राणाजीने भेजो कैं दिजे मिराबाई हात। कर चरणामृत पीगई मीराबाई ठाकुरको प्रसाद॥ रंगेलो०॥२॥ सापरो पेटारो राणाजीनें भेजों दासाजीने हात। सापरो उपाडीनें गलामों डारयो हो गयो… Continue reading रंगेलो राणो कई करसो मारो राज्य / मीराबाई
राधे देवो बांसरी मोरी / मीराबाई
राधे देवो बांसरी मोरी। मुरली हमारी॥ध्रु०॥ पान पात सब ब्रिंदावन धुंडयो। कुंजगलीनमों सब हेरी॥१॥ बांसरी बिन मोहे कल न परहे। पया लागत तोरी॥२॥ काहेसुं गावूं काहेंसुं बजाऊं। काहेसुं लाऊं गवा घहेरी॥३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकी मैं तो चित्त चोरी॥४॥
राधे तोरे नयनमों जदुबीर / मीराबाई
राधे तोरे नयनमों जदुबीर॥ध्रु०॥ आदी आदी रातमों बाल चमके। झीरमीर बरसत नीर॥१॥ मोर मुगुट पितांबर शोभे। कुंडल झलकत हीर॥२॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। चरणकमल शीर॥३॥
मोरी लागी लटक गुरु चरणकी / मीराबाई
मोरी लागी लटक गुरु चरणकी॥ध्रु०॥ चरन बिना मुज कछु नही भावे। झूंठ माया सब सपनकी॥१॥ भवसागर सब सुख गयी है। फिकीर नही मुज तरुणोनकी॥२॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। उलट भयी मोरे नयननकी॥३॥
मथुराके कान मोही मोही मोही / मीराबाई
मथुराके कान मोही मोही मोही॥ध्रु०॥ खांदे कामरीया हातमों लकरीया। सीर पाग लाल लोई लोई॥१॥ पाउपें पैंजण आण वट बीचवे। चाल चलत ताता थै थै थै॥२॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। हृदय बसत प्रभू तुही तुही तुही तुही॥३॥
मन केरो जेवो चंद्र छे / मीराबाई
मन केरो जेवो चंद्र छे। रास रमे नंद लालो रे॥ध्रु०॥ नटवर बेश धर्यो नंद लाले। सौ ओघाने चालोरे॥१॥ गानतान वाजिंत्र बाजे। नाचे जशोदानो काळोरे॥२॥ सोळा सहस्त्र अष्ट पटराणी। बच्चे रह्यो मारो बहालोरे॥३॥ मीरा कहे प्रभु गिरिधर नागर। रणछोडे दिसे छोगळोरे॥४॥