भुला दिया भी अगर जाए सरसरी किया जाए / हम्माद नियाज़ी

भुला दिया भी अगर जाए सरसरी किया जाए मुतालया मिरी वहशत का लाज़मी किया जाए हम ऐसे लोग जो आइंदा ओ गुज़िश्ता हैं हमारे अदह को मौजूद से तही किया जाए ख़बर मिली है उस ख़ुश-ख़बर की आमद है सो एहतिमाम-ए-सुख़न आज मुल्तवी किया जाए हमें अब अपने नए रास्ते बनाने हैं जो काम कल… Continue reading भुला दिया भी अगर जाए सरसरी किया जाए / हम्माद नियाज़ी

बे-सबब हो के बे-क़रार आया / हम्माद नियाज़ी

बे-सबब हो के बे-क़रार आया मेरे पीछे मिरा ग़ुबार आया चंद यादों का शोर था मुझ में मैं उसे क़ब्र में उतार आया उस को देखा और उस के बाद मुझे अपनी हैरत पे ए‘तिबार आया भूल बैठा है रंग-ए-गुल मिरा दिल परतव-ए-गुल पे इतना प्यार आया एक दुनिया को चाहता था वो एक दुनिया… Continue reading बे-सबब हो के बे-क़रार आया / हम्माद नियाज़ी