विकसित राष्ट्र यो नहीं बण सकता / अमर सिंह छाछिया

विकसित राष्ट्र यो नहीं बण सकता।
स्थापना किए बिना भारत तरक्की नहीं कर सकता।…टेक

मेरा सदैव प्रयास सै देश कै सुधार के लिए।
सामाजिक परिवर्तन थारी भलाई के लिए।
संघर्ष करने वाले इन महापुरुषों के लिए।
सम्मानित किए जाए इन यादगारी के लिए।
विरासत के रूप म्हं संजोग के नहीं कर सकता…

प्रेरणा स्रोत के रूप म्हं यो रखा जाए।
हमारी सरकार इन महापुरुषों की याद रही जाए।
सम्मान म्हं उनकी यादगारी मनाई जाए।
संजो कर रखने की दशा वा लाई जाए।
संस्थाओं के निर्माण म्हं यो पेटा ना भर सकता…

मुझे यह जानकर बहोत घणी प्रसन्नता होई।
सामाजिक परिवर्तन म्हं सबकै खुशी होई।
महान सन्तों की गुरुओं की शिक्षा होई।
म्हारी सरकार आवै दिल्ली म्हं गरीब रह ना कोई।
सच्चा हो काम उसनै कोए बिसरा ना सकता…

आधारित परिवर्तन यो सफर करैगा।
एलबम सूचना म्हं यो फेर करैगा।
विभाग द्वारा यो प्रकाशित करैगा।
समतामूलक समाज की स्थापना करैगा।
अमरसिंह सहायक यो सिद्ध हो सकता…