या ब्रज में कछु देख्यो री टोना / मीराबाई

राग मधुमाध सारंग
या ब्रज में कछु देख्यो री टोना॥
लै मटकी सिर चली गुजरिया, आगे मिले बाबा नंदजी के छोना।
दधिको नाम बिसरि गयो प्यारी, लेलेहु री कोउ स्याम सलोना॥
बिंद्राबनकी कुंज गलिन में, आंख लगाय गयो मनमोहना।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, सुंदर स्याम सुधर रसलौना॥

शब्दार्थ :- टोना =जादू। गुजरिया =ग्वालिन। छोना = छोटा लड़का। लेलेहु री कोउ स्याम सलोना = स्यामसुन्दर को ले लो। सलोना =सुन्दर। आंख लगाय =प्रीति जोड़कर। रसलोना = सलोने रसवाला।

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