म्हारे घर चालोजी जशोमती लालनारे / मीराबाई

म्हारे घर चालोजी जशोमती लालनारे॥धृ०॥
राधा कहती सुनोजी प्यारे। नाहक सतावत जननी मुरारे।
अंगन खेलत ले बिजहारे | लुटू लुटू खेलनारे॥१॥
पेन्हो पीत बसन और आंगीया। मोनो मोतरवाला कन्हैया।
रोवे कायकू लोक बुझाया। हासती ग्वालनारे॥२॥
चंदन चौक उपर न्हालाऊं। मीश्री माखन दूध पिलावूं।
मंदिर आपने हात हलाऊं। जडाऊं पालनारे॥३॥
मीराके प्रभु दीनदयाला। वहां तुम सावध परम कृपाला।
तन मन धन वारी जै गोपाला। मेरे मन बोलनारे॥४॥

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *