मत डारो पिचकारी / मीराबाई

मत डारो पिचकारी। मैं सगरी भिजगई सारी॥ध्रु०॥
जीन डारे सो सनमुख रहायो। नहीं तो मैं देउंगी गारी॥ मत०॥१॥
भर पिचकरी मेरे मुखपर डारी। भीजगई तन सारी॥ मत०॥२॥
लाल गुलाल उडावन लागे। मैं तो मनमें बिचारी॥ मत०॥३॥
मीरा कहे प्रभु गिरिधर
नागर। चरनकमल बलहारी॥ मत०॥४॥

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *