दरद जाने कोय हेली / मीराबाई

दरद जाने कोय हेली। मैं दरद दिवानी॥ध्रु०॥
घायलकी गत घायल ज्याने। लागी हिये॥१॥
सुली उपर सेजहमारी। किसबीद रहीये सोय॥२॥
मीराके प्रभु गिरिधर नागर। वदे सामलीया होय॥३॥

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *