डॉ. अम्बेडकर नै सारा जीवन दुख म्हं बिताया / अमर सिंह छाछिया

डॉ. अम्बेडकर नै सारा जीवन दुख म्हं बिताया।
इन गरीबां का हाल देख के जोश गात म्हं आया।…टेक

सत्याग्रह गोलमेज कांफ्रेन्स म्हं तणा।
लन्दन म्हं 1932 म्हं डेलीगेट भी बणा।
नेहरू मंत्रिमंडल म्हं कानून मंत्री भी बणा।
ड्राफ्टिंग कमेटी का अध्यक्ष भी बणा।
अध्यक्ष के रूप म्हं संविधान बणाया…।

असैम्बली मसौदा म्हं शुरूआत करया।
और भारत संविधान निर्माता बण्या।
और शिक्षा के प्रचार के लिए ऐलान कर्या।
औरंगाबाद मिलिंद म्हं जाकै प्रचार कर्या
महाविद्यालय की करी स्ािापना यो समाज समझाया…

दलित शोषित बण थारै सुधार के लिए।
आजीवन संघर्ष कर इस आजादी के लिए।
जोश म्हं आकै कर्या विरोध करीब की भलाई के लिए।
26 जनवरी नै करया याद संविधान के लिए।
भीम तो मनुवादियां की टक्कर म्हं आया…

भारत का संविधान यो पहले नम्बर होया।
संविधान देख कै अंग्रेज चकराग्या इनका शोक होया।
सारा संसार म्हं किलकी पड़गी अंग्रेज पागल होया।
जाकै लिए काट आपणे जिसे बोकै आया।
15 अगस्त नै अमरसिंह यो भारत आजाद होया…