जगह-जगह होए कांड गरीबां का इंसाफ ना आया / अमर सिंह छाछिया

जगह-जगह होए कांड गरीबां का इंसाफ ना आया।
तुरन्त जवाब दिया भीम नै वो टक्कर म्हं आया।…टेक

डॉ. अम्बेडकर तो गरीबां पै कुर्बान होया सै।
इन बेइमानां कै लड़ा सांप सा शौक इसा ए होया सै।
इस बदलाव म्हं समाज यो गफलत म्हं सोया सै।
जो परिवर्तन हमनै चाह्या दुख तो इनकै भी होया सै।
हमनै इसा परिवर्तन बनाया सबनै जौं गंगा म्हं लाया…

दलित मजलूम वर्ग कै जोश गात म्हं आया।
पिछड़ा वर्ग छुआछात का दिन वो भी याद आया।
जख्म हरा रोग पुराणा यो देश भका म्हं आया।
थारा जड़ तै रोग नै खो दांगे डॉ. अम्बेडकर आया।
जीणे का मौका मिला नहीं ना सुख तै सांस आया…

पढ़े लिखे लोगां नै कोऐ रोजगार ना मिला।
निर्भय बणने का कोऐ अवसर ना मिला।
या ए कल्पना थी हक म्हारा नहीं मिला।
बाबा साहब अम्बेडकर कै कारण हक हमनै मिला।
थोड़े दिन रह रे सैं बख्त इनका भी आया…

समाज सुधार की जिन्होंने करी देश की भलाई
बहुजन समाज के महापुरुषों नै कसम इसकी खाई।
संविधान परिवर्तन की या ए खास दवाई।
ये अन्यायी, इंसाफ नहीं या अमीर-गरीब लड़ाई।
एक दिन इसा आवैगा अमरसिंह यो गरीब जागा इन के ब्याह्या…