अशरण-शरण राम / सूर्यकांत त्रिपाठी “निराला”

अशरण-शरण राम,
काम के छवि-धाम ।

ऋषि-मुनि-मनोहंस,
रवि-वंश-अवतंस,
कर्मरत निश्शंस,
पूरो मनस्काम ।

जानकी-मनोरम,
नायक सुचारुतम,
प्राण के समुद्यम,
धर्म धारण श्याम ।

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