हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझसे

हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”परिचित”]नुमायाँ[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   मुझसे मेरी रफ़्तार से भागे है बयाबाँ मुझसे [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”खेल-शीर्षक की शिक्षा”]दर्से-उन्वाने-तमाशा[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”उपेक्षित”]बा-तग़ाफ़ुल[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”हर्षित”]ख़ुशतर[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] है[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”बिखरी पलकों को सी देने वाला धागा मुझसे”]निगहे- रिश्ता-ए-शीराज़ा-ए-मिज़गाँ[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”हृदय की तपिश के डर से”]वहशते-आतिशे-दिल[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  से [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”अकेलेपन की रात”]शबे-तन्हाई[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   में [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”धुएँ की तरह”]सूरते-दूद[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  रहा साया [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”बचता”]गुरेज़ाँ[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   मुझसे… Continue reading हर क़दम दूरी-ए-मंज़िल है नुमायाँ मुझसे

ख़ुश हो ऐ बख़्त दक है आज तेरे सर सेहरा

ख़ुश हो ऐ [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”बख़्त नाम का राजकुमार”]बख़्त[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  कि है आज तेरे सर सेहरा बाँध शहज़ादा जवाँ बख़्त के सर पर सेहरा क्या ही इस चाँद-से मुखड़े पे भला लगता है है तेरे हुस्ने-दिल [ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”आलौकिक सौंदर्य”]अफ़रोज़[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  का[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”अलंकरण”]ज़ेवर[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]  सेहरा सर पे चढ़ना तुझे फबता है पर ऐ[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”टोपी का किनारा”]तर्फ़े-कुलाह[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip] मुझको डर है कि… Continue reading ख़ुश हो ऐ बख़्त दक है आज तेरे सर सेहरा

कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं

कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं इक तीर मेरे सीने में मारा के हाये हाये वो सब्ज़ा ज़ार हाये मुतर्रा के है ग़ज़ब वो नाज़नीं बुतान-ए-ख़ुदआरा के हाये हाये सब्रआज़्मा वो उन की निगाहें के हफ़ नज़र ताक़तरूबा वो उन का इशारा के हाये हाये वो मेवा हाये ताज़ा-ए-शीरीं के वाह वाह वो बादा… Continue reading कलकत्ते का जो ज़िक्र किया तूने हमनशीं

ये न थी हमारी क़िस्मत

ये न थी हमारी क़िस्मत के[ithoughts_tooltip_glossary-tooltip content=”प्रिय से मिलन”]विसाले यार[/ithoughts_tooltip_glossary-tooltip]   होता अगर और जीते रहते यही इन्तज़ार होता

ये तेरा घर ये मेरा घर

ये तेरा घर ये मेरा घर, किसी को देखना हो गर तो पहले आके माँग ले, मेरी नज़र तेरी नज़र ये घर बहुत हसीन है न बादलों की छाँव में, न चाँदनी के गाँव में न फूल जैसे रास्ते, बने हैं इसके वास्ते मगर ये घर अजीब है, ज़मीन के क़रीब है ये ईँट पत्थरों… Continue reading ये तेरा घर ये मेरा घर

ये बता दे मुझे ज़िन्दगी

ये बता दे मुझे ज़िन्दगी प्यार की राह के हमसफ़र किस तरह बन गये अजनबी ये बता दे मुझे ज़िन्दगी फूल क्यूँ सारे मुरझा गये किस लिये बुझ गई चाँदनी ये बता दे मुझे ज़िन्दगी कल जो बाहों में थी और निगाहों में थी अब वो गर्मी कहाँ खो गई न वो अंदाज़ है न… Continue reading ये बता दे मुझे ज़िन्दगी

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में

क्यूँ ज़िन्दगी की राह में मजबूर हो गए इतने हुए करीब कि हम दूर हो गए ऐसा नहीं कि हमको कोई भी खुशी नहीं लेकिन ये ज़िन्दगी तो कोई ज़िन्दगी नहीं क्यों इसके फ़ैसले हमें मंज़ूर हो गए पाया तुम्हें तो हमको लगा तुमको खो दिया हम दिल पे रोए और ये दिल हम पे… Continue reading क्यूँ ज़िन्दगी की राह में

तुमको देखा तो ये ख़याल आया

  तुमको देखा तो ये ख़याल आया ज़िन्दगी धूप तुम घना साया आज फिर दिल ने एक तमन्ना की आज फिर दिल को हमने समझाया तुम चले जाओगे तो सोचेंगे हमने क्या खोया, हमने क्या पाया हम जिसे गुनगुना नहीं सकते वक़्त ने ऐसा गीत क्यूँ गाया

प्यार मुझसे जो किया तुमने

प्यार मुझसे जो किया तुमने तो क्या पाओगी मेरे हालात की आंधी में बिखर जाओगी रंज और दर्द की बस्ती का मैं बाशिन्दा हूँ ये तो बस मैं हूँ के इस हाल में भी ज़िन्दा हूँ ख़्वाब क्यूँ देखूँ वो कल जिसपे मैं शर्मिन्दा हूँ मैं जो शर्मिन्दा हुआ तुम भी तो शरमाओगी क्यूं मेरे… Continue reading प्यार मुझसे जो किया तुमने

सो गया ये जहाँ

सो गया, ये जहाँ, सो गया आसमां सो गयीं हैं सारी मंज़िलें ,सो गया है रस्ता रात आई तो वो जिनके घर थे, वो घर को गये, सो गये रात आई तो हम जैसे आवारा फिर निकले, राहों में और खो गये इस गली, उस गली, इस नगर, उस नगर जाएँ भी तो कहाँ, जाना… Continue reading सो गया ये जहाँ