अगरचे हाल ओ हवादिस की हुक्मरानी है / याक़ूब आमिर

अगरचे हाल ओ हवादिस की हुक्मरानी है हर एक शख़्स की अपनी भी इक कहानी है मैं आज कल के तसव्वुर से शाद-काम तो हूँ ये और बात कि दो पल की ज़िंदगानी है निशान राह के देखे तो ये ख़याल आया मिरा क़दम भी किसी के लिए निशानी है ख़िज़ाँ नहीं है ब-जुज़ इक… Continue reading अगरचे हाल ओ हवादिस की हुक्मरानी है / याक़ूब आमिर

Published
Categorized as Yakub Amir

आतिश-ए-ग़म में भभूका दीदा-ए-नमनाक था / याक़ूब आमिर

आतिश-ए-ग़म में भभूका दीदा-ए-नमनाक था आँसुओं में जो ज़बाँ पर हर्फ़ था बेबाक था चैन ही कब लेने देता था किसी का ग़म हमें ये न देखा उम्र भर अपना भी दामन चाक था हम शिकस्ता-दिल न बहरा-मंद दुनिया से हुए वर्ना इस आलूदगी से किस का दामन पाक था जौहर-ए-फ़न मेरा ख़ुद मेरी नज़र… Continue reading आतिश-ए-ग़म में भभूका दीदा-ए-नमनाक था / याक़ूब आमिर

Published
Categorized as Yakub Amir