लोगो ने आकाश से ऊँचा जा कर तमग़े पाए / हुसैन माजिद

लोगो ने आकाश से ऊँचा जा कर तमग़े पाए हम ने अपना अंतर खोजा दीवाने कहलाए कैसे सपने किस की आशा कब से हैं मेहमान बने तन्हाई के सून आँगन में यादों के साए आँखों में जो आज किसी के बदली बन के झूम उठी है क्या अच्छा हो ऐसी बरसे सब जल-थल हो जाए… Continue reading लोगो ने आकाश से ऊँचा जा कर तमग़े पाए / हुसैन माजिद

धूल भरी आँधी में सब का चेहरा रौशन रखना है / हुसैन माजिद

धूल भरी आँधी में सब का चेहरा रौशन रखना है बस्ती पीछे रह जाएगी आगे आगे सहरा है एक ज़रा सी बात पे उस ने दिल का रिश्ता तोड़ दिया हम ने जिस का तन्हाई में बरसों रस्ता देखा है प्यार मोहब्बत आह ओ ज़ारी लफ़्ज़ों की तस्वीरें हैं किस के पीछे भाग रहे हो… Continue reading धूल भरी आँधी में सब का चेहरा रौशन रखना है / हुसैन माजिद