आँखों से आँसू बह आया, तेरी याद आ गयी होगी । घबराना मत यह आँसू ही कल मोती बन कर आयेंगे विरह ताप में यह आँसू ही मन को शीतल कर जायेंगे, शायद यह आँसू ही पथ हों महामिलन के महारास का – इस चिंतन से सच कह दूँ ,पलकों पर बाढ़ आ गयी होगी,… Continue reading आँखों से आँसू बह आया, तेरी याद आ गयी होगी / हिमांशु पाण्डेय
Category: Himanshu Pandey
क्यों रह रह कर याद मुझे आया करते हो? / हिमांशु पाण्डेय
नीरवता के सांध्य शिविर में आकुलता के गहन रूप में उर में बस जाया करते हो । बोलो प्रियतम क्यों रह रह कर याद मुझे आया करते हो ? आज सृष्टि का प्रेय नहीं हिय में बसता है मिले हाथ से हाथ यही जग का रिश्ता है अब कौन कहाँ किसके दिल में बैठा करता… Continue reading क्यों रह रह कर याद मुझे आया करते हो? / हिमांशु पाण्डेय